[पाँचेफस्ट्रम
अक्तूबर ९, १९०५ से पूर्व]
हम नीचे, हस्ताक्षर करनेवाले, पाँचेफस्ट्रम-निवासी ब्रिटिश भारतीयोंके प्रतिनिधि, इस ऐति- हासिक नगरमें परमश्रेष्ठका हादिक और निष्ठाके साथ स्वागत करते हैं।
हम आशा करते हैं कि आप पाँचेफस्ट्रमके लोगोंके बीच अपने निवासकी सुखद स्मृतियाँ अपने साथ ले जायेंगे।
पॉचेफस्ट्रममें हम जिन कठिनाइयोंसे पीड़ित हैं वे ब्रिटिश भारतीयोंके लिए ट्रान्सवालमें सर्वत्र एक जैसी है । पाँचेफस्ट्र ममें ब्रिटिश भारतीयों के विरुद्ध, उनके रहन-सहनके तरीके और उनकी व्यापारिक जगहोंकी देखभालके बारेमें, एक अभियोग लगाया गया है। इन जगहोंका निरीक्षण करने और उनके बारेमें स्वयं निष्कर्ष निकालनेके लिए हम परमश्रेष्ठको सादर निमन्त्रित करनेका साहस करते हैं। हम यथासम्भव अपना आचरण स्थानीय रीति-रिवाजोंके अनुसार बनाने और लोक-भावनाको सन्तुष्ट करने के लिए अत्यन्त चिन्तित है। हम केवल इतना ही चाहते हैं कि वर्ग- विधान बनाये बिना, जरूरी समझे जानेवाले सामान्य सफाई तथा अन्य नियमित सामान्य विनियमोंके अन्तर्गत, हमें यात्रा, व्यापार, निवास और सम्पत्तिके स्वामित्वकी स्वतन्त्रता हो।
हम परमश्रेष्ठकी सेवामें इस सम्पूर्ण विश्वासके साथ उपस्थित हो रहे हैं कि श्रीमानके हाथों हमें न्याय मिलेगा।
हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप परम दयालु महामहिम सम्राट और सम्राज्ञीकी सेवामें हमारे भक्तिपूर्ण भाव निवेदित कर दें।
एस० डी० रॉबर्ट, अध्यक्ष
ई० एच० गेट्टा
ई० एम० पटेल
एम० ई० नानाभाई
हाजी उमर
ए० ई० गंगाट
ए० एम० कासिम
हासिम तैयब
ए० जी० साले महम्मद
इब्राहीम ब्रदर्स
मूसा हसन
डी० आई० वरियावा
ए. रहमान, मन्त्री
१. यह मानपत्र पाँचेफस्टमके भारतीय संघ द्वारा दिया गया था। ऐसे ही मानपत्र रस्टेनवर्ग, क्लासडॉर्व और यूगर्सडॉपैमें दिये गये थे। देखिये, लोर्ड सेल्बोर्नकी यात्रा', इडियन ओपिनियन, १४-१०-१९०५ ।
२. पाँचेफस्टूमके पहरेदार संघ द्वारा।
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