१३०. विक्रेता-परवाना अधिनियम
श्री दादा उस्मानपर अत्याचारोंकी जो वर्षा हुई है उसकी कहानी हम गत सप्ताह लिख चुके हैं।[१] ऐसी अन्धाधुन्ध वर्षासे किस तरह बचा जाये, इसका विचार समय-समयपर करना आवश्यक है। गोरोंने डटकर कमर कस ली है। आज फाईहीडमें अत्याचार किया गया वैसा कल दूसरी जगह किया जाये तो उसमें आश्चर्यको बात न होगी। कोई भारतीय व्यापारी क्षणभरके लिए भी अपने मनमें यह घमण्ड नहीं कर सकता कि उसका परवाना तो साल-दर- साल मिलता ही रहेगा। हम अन्यत्र बता चुके हैं कि डॉ० कैम्बेल जैसे जान-पहचानवाले व प्रभावशाली गोरे हमारे पीछे डंडा लेकर पड़े हैं। ऐसे समय यदि हम सोते रहेंगे तो हम बाढ़में बह जायेंगे। बहुत विलम्ब करके जागेंगे तो वह आग लगनेके बाद कुआँ खोदनेके समान होगा। छोटे या बड़े किसी भी भारतीय व्यापारीको परवानेके सिलसिले में परेशानी उठानी पड़े तो यह बात उसे तुरन्त प्रकट कर देनी चाहिए। कांग्रेसका कर्तव्य है कि एक विशेष परवाना समिति नियुक्त करके जहाँ-जहाँ परवाना छीना जाये वहाँ-वहाँ छानबीन करे। आवश्यक हो तो गाँव-गाँवमें जाकर उसे ऐसे उदाहरण इकट्ठा करना चाहिए। हम मानते हैं कि यह गाँव-गाँव पहुँचता और पढ़ा जाता होगा। जिन-जिनको परवाना न मिला हो उनके बारेमें हमारे पास निम्नलिखित तफसीलें भेजी जायें तभी हम यह काम सन्तोषजनक रूपसे पूरा कर सकेंगे:
(१) जिस व्यक्तिको परवाना न मिला हो उसका नाम।
(२) किस जगह परवानेकी माँग की?
(३) पहले व्यापार किया था या नहीं?
(४) पहले व्यापार किया हो तो कहाँ किया?
(५) दूकान किरायेकी है या अपनी है ? किराया क्या देते हैं ?
(६) दूकान इंटकी बनी है या टीनको? सम्भव हो तो साथ पेंसिलका बना नक्शा नत्थी किया जाये।
(७) यदि पूंजी बताई गई हो तो वह कितनी थी?
(८) बहीखाता रखनेका क्या इन्तजाम है?
(९) अगल-बगलमें गोरोंकी दूकानें हैं या नहीं? नजदीकसे नजदीक सबसे पहली गोरेकी दूकान कितनी दूर है?
(१०) उस शहरमें भारतीय व्यापारियोंकी संख्या कितनी है ?
(११) परवाना-अधिकारी परवाना न देनेका कारण क्या बताता है ? (१२) आपने परवाना-अधिकारीके निर्णयके विरुद्ध स्थानीय निकायमें अपील की थी या नहीं?
(१३) इस सम्बन्धमें आपके पास जो कुछ कागजात अर्थात् अर्जी, जवाब आदि हों तो उन्हें या उनकी प्रतिलिपियाँ साथ भेजें।
(१४) यदि आपके पास किसी प्रतिष्ठित गोरेका प्रमाणपत्र हो तो वह भी भेजें।
१. देखिए परवानेका एक और मामला पृष्ठ १०८-९ ।
२. नेटालके यूरोपीयोंके एक नेता डॉ० एस० जी० केम्बेल ।
- ↑ १.