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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 5.pdf/१६४

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

करेगा। फिलहाल प्रेससे वह कुछ न लेगा। और उसी प्रकार वह पूरे दिन काम भी नहीं करेगा। वह अभी विद्यार्थी है, ऐसा ही उसे समझाया है; और ऐसा ही उससे बरताव करना है। इसलिए वह कुछ समय प्रेसमें काम करे, कुछ खेतमें और शेष समय अध्ययनमें लगाये । उसे गुजराती, अंग्रेजी और तमिल अच्छी तरह सीख लेनी चाहिए। मैंने उससे कहा है कि वह प्रेसमें तमिल टाइप [कम्पोज़ करने] का काम शुरू करे। इस विषयमें मैं पिल्लेको भी पत्र लिखूगा। गोकुलदासके वहाँ पहुँच जाने और कामसे परिचित हो जानेके पश्चात् अब अगर तुम यहाँ बड़े दिनके अवसरपर आ सको तो आ जाना।

वेस्ट जॉबका काम किस तरह करते हैं? परेशान रहते हैं या प्रफुल्लित ? समाचारपत्रका कम्पोजिंग कौन-कौन करता है? वीरजीका बरताव कैसा है? सबकी स्थितिके बारेमें लिखना। बीनका काम कैसा चल रहा है? किताबोंकी स्थिति अब कैसी है? आनन्दलालका क्या हाल है ? गोकुलदासके बारेमें मैंने उसे लिखा है। मुझे अभी तो लगता है कि तुम तीनों भाई साथ- साथ रहो तो अच्छा हो। परन्तु यदि ऐसा करनेमें अनबन हो जानेकी जरा भी सम्भावना हो तो मेरी लिखी बातोंपर अमल न करना। गोकुलदास तो तुम्हारे साथ ही रहेगा।

ऑर्चर्ड अभी घरमें हैं या चले गये है?

तमिलकी सामग्री भेजी है परन्तु मैं देखता हूँ कि उसमें मुझे कठिनाई होगी। जिस व्यक्तिने अनुवाद किया है उसका ज्ञान अल्प ही है, ऐसा मैंने अनुभव किया। वह डर गया और कहने लगा, यह काम उसे न दिया जाये तो ठीक हो। गोकुलदास तथा पिल्ले दोनों अगर सिरपच्ची करके भी समझ लें तो बहुत ठीक होगा। गोकुलदासको कुछ आ गया है। मैं यहाँसे जो अंग्रेजी भेजूंगा उसका सिर्फ तर्जुमा ही करना पड़ेगा। तुम पिल्लेसे पूछ देखना। इस हफ्तेके अंकमें किसने लिखा है?

हेमचन्दसे सन्तोष है या नहीं? वह रकमकी वसूलीके लिए कहीं जाता है ? उसे अच्छी तरह तालीम देना।

रामनाथका क्या हुआ है? अयोध्याको मैंने पत्र लिखा था।

जयशंकरको कोई आदमी मिला या अब भी तकलीफ ही है? बीनको जो फुटकर चीजें चाहिए सो दिला देना। मूनकी रिपोर्ट जब आये, भेज देना । जो जमीन जोती जा चुकी है उसमें बोवाई कौन करेगा? छत चूना बन्द हुआ या अब भी जारी है?

मक्र्युरी लेनमें कार्यालय ले जानेके बाद काममें अन्तर पड़ा है या नहीं, सो लिखना। गोरे लोग कुछ ज्यादा आते हैं क्या?

मोहनदासके आशीर्वाद

[पुनश्च]

गोविन्दजी कहते हैं कि उन्हें अखबार नियमित रूपसे नहीं मिलता। कल मैंने और भी गुजराती सामग्री भेजी है। पहले चार पन्नोंके पीछे भी लिखा है, सो देख लेना।

मूल गुजरातीकी फोटो-नकल (एस० एन० ४२६२) से।