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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 5.pdf/२४६

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

(सिनेट) से कोई सिफारिश नहीं कर पाई हैं तथापि हमारा यह विचार है कि इस कारणसे मामलेको यहीं छोड़ देनेकी आवश्यकता नहीं है। लन्दन विश्वविद्यालय जैसी पुरानी संस्थाओंसे कोई परिवर्तन कराना बहुत कठिन है, किन्तु यदि संसार भरका तमिल समाज अपने प्रयत्नको दृढ़तापूर्वक जारी रखेगा, तो हमें सन्देह नहीं कि तमिल भाषा, जिसमें भव्य साहित्य है और जो भारतकी इटालियन है, लन्दनकी मैट्रिक परीक्षाके पाठ्यक्रममें शामिल कर ली जायेगी। हम विश्व-विद्यालयसे प्राप्त उत्तर दूसरे स्तम्भमें छाप रहे हैं।[]

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, २४-२-१९०६
 

२२०. पत्र : दादाभाई नौरोजीको
ब्रिटिश भारतीय संघ

२५ व २६ कोर्ट चेम्बर्स

रिसिक स्ट्रीट
जोहानिसबर्ग

फरवरी २६, १९०६

सेवामें

माननीय दादाभाई नौरोजी
२२ कैनिंगटन रोड

लन्दन
प्रिय महोदय,

मैं ट्रान्सवाल और आरेंज रिवर कालोनीमें भारतीयोंकी स्थितिका परिचय देनेवाला एक विवरण[] साथ भेज रहा हूँ।

मेरा खयाल है कि एक संयुक्त शिष्टमण्डलको इस स्थितिके बारेमें नये मन्त्रियोंसे[] भेंट करनी चाहिए।

आपका विश्वासपात्र,

मो° क° गांधी

नत्थी - १

मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (जी० एन० २२७०) से।

 
  1. यह यहाँ नहीं दिया जा रहा है।
  2. देखिए "दक्षिण आफ्रिका में ब्रिटिश भारतीय", पृष्ठ २०७-८।
  3. जॉन मॉर्ले और लॉर्ड एलगिन।