सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 5.pdf/३६०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३२६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


ट्रान्सवालकी विधानसभा

ट्रान्सवालकी विधानसभाकी बैठक २५ तारीखसे शुरू होगी। उसमें जो काम किया जायेगा, सो जानने योग्य होगा। क्योंकि सम्भव यह है कि इस विधानसभाकी यह आखिरी बैठक होगी। अगले वर्ष नई विधानसभा बननेकी आशा है।

चीनी भित्तिपत्र

गिरमिटिया चीनियोंको स्वदेश जानेके लिए पैसे देनेके बारेमें हर खानके अहाते में भित्तिपत्र लगानेका जो हुक्म जारी हुआ था, उसके सिलसिले में खानवाले सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँच चुके हैं। श्री लियोनार्डने उनकी ओरसे बहुत मेहनत की, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने फिर अपनी स्वतंत्रता और न्याय बुद्धिका परिचय दिया है। मुख्य न्यायाधीश सर जेम्स रोज़ इन्सने फैसला देते हुए कहा है कि सरकारको खानोंमें ऐसी सूचनाएँ लगाने का पूरा अधिकार है। अदालत ने खानोंकी अर्जी खर्चके साथ खारिज कर दी है; सूचनाएँ हर भाषा में तथा चीनी भाषा में लगाई गई हैं। अब देखना यह है कि इसका असर क्या होता है। कुछ लोगोंका खयाल है कि इस सूचनाका लाभ उठाकर बहुतसे चीनी वापस अपने देश चले जायेंगे। दूसरे कुछ लोगोंकी राय है कि चीनियों के मनपर इसका कोई असर नहीं होगा। अगर चीनी बड़ी संख्या में चले जायेंगे, तो खानवालोंको बहुत भारी धक्का लगेगा। कुछ खान मालिक खातें बन्द कर देने की धमकी दे रहे हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १९-५-१९०६
 

३४०. पत्र : दादाभाई नौरोजीको

२१-२४ कोर्ट चेम्बर्स

नुक्कड़, रिसिक व ऐंडर्सन स्ट्रीट्स

पो° ऑ° बॉक्स ६५२२

जोहानिसबर्ग

मई १६, १९०६

माननीय श्री दादाभाई नौरोजी
[लन्दन]
मान्यवर,

इस पत्रका उद्देश्य आपको श्री ए° एच° वेस्टका परिचय देना है। ये इंटरनेशनल प्रिंटिंग प्रेसके प्रबन्धक और 'इंडियन ओपिनियन' के सह-सम्पादककी तरह काम करते रहे हैं। पत्र जिस योजना अन्तर्गत प्रकाशित किया जाता है, श्री वेस्ट उसके संस्थापकों में एक हैं। ये वहाँ कुछ दिनोंके लिए स्वजनोंसे मिलने-जुलने आ रहे हैं और इस बीच यथाशक्ति कुछ सार्वजनिक काम भी करेंगे।

आपका सच्चा,

मो° क° गांधी

मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (जी° एन° २२७२) से।