५. जाँच आदिके लिए अलग एशियाई विभाग नहीं था। | ५. एशियाई पंजीयक कार्यालय स्थापित। इसकी कार्यपद्धति मनमानी है और व्यक्तिगत प्रार्थनापत्र, अनुमतिपत्र आदिके निर्णय में देरी करता है। |
६. अनेक कठोर कानूनी प्रतिबंधोंपर बहुत हद तक ब्रिटिश हस्तक्षेपके कारण अमल नहीं किया जाता था। | ६. वे बोअर कानून जिनपर अमल नहीं होता था, लागू किये गये, तथा अध्यादेशों और प्रशासनिक अनुशासनोंके द्वारा अधिक कठोर बना दिये गये। द्वेष-बुद्धिपूर्वक ब्रिटिश भारतीयोंकी कानूनी स्थिति काफिरों, असभ्य और अर्द्ध-सभ्य जातियों के समान कर दी गई। |
आगे दिया गया परिशिष्ट विधान समितिके सुझावपर तैयार किया गया था।
नागरिक निर्योग्यताएँ
१. आयुक्तोंका यह खयाल मालूम होता है कि ब्रिटिश भारतीयोंको ट्रान्सवालमें पूर्ण अधिकार प्राप्त हैं।
२. दुर्भाग्यवश, जैसा कि वक्तव्यके साथ संलग्न सूचीसे स्पष्ट हो जाएगा, ब्रिटिश भारतीयों को बहुत कम अधिकार प्राप्त हैं । नागरिक निर्योग्यताएँ नीचे दी जा रही हैं :
भूमिका स्वामित्व नहीं
३. (१) ब्रिटिश भारतीय अपने लिए निर्धारित बस्तियों या मोहल्लोंको छोड़कर कहीं जमीन-जायदाद नहीं रख सकते। यह नियम लंबे अरसेके पट्टोंपर भी लागू है।
(२) मोहल्ले निर्धारित नहीं हैं किन्तु यूरोपके यहूदी-बाड़ोंकी तरह् नगरसे बहुत दूर बस्तियाँ निर्धारित हैं; और उनमें भी एक दो स्थानोंको छोड़कर भारतीय माहवारी किरायेदार हैं। केवल प्रिटोरिया और पॉचेफ्स्ट्रूममें इक्कीससाला पट्टे मिलते हैं। जर्मिस्टनमें उन्हें नोटिस दिये गये हैं कि वे गुमटियोंमें दूसरे किरायेदार न रखें। नोटिस इस तरह है :
(३) इस प्रतिबंधपर इस हद तक अमल किया जाता है कि भारतीय अपनी मसजिदें तक भारतीय न्यासियोंके नामपर नहीं बदलवा पाते।
पंजीयन शुल्क
(४) इस देशमें पहुँचनेपर भारतीयोंको ३ पौंड पंजीकरण शुल्क देना पड़ता है। अब सरकारने धमकी दी है कि स्त्रियों और बच्चोंको भी पंजीयन प्रमाणपत्र लेने पड़ेंगे।
पैदल पटरी और ट्राम गाड़ियाँ
(५) प्रिटोरिया और जोहानिसबर्ग में भारतीयोंको पैदल पटरियोंपर चलनेकी कानूनन मनाही है। फिर भी वे रियायतके तौरपर उसका उपयोग करते हैं । अभी हालमें उन्हें उनका उपयोग करनेसे रोकनेका प्रयत्न हुआ है।
(६) प्रिटोरिया में भारतीयोंको ट्रामगाड़ियोंके उपयोगकी इजाजत नहीं है।