पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/२२४

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१५०. हमीदिया इस्लामिया अंजुमनका पत्र

ट्रान्सवालकी हमीदिया इस्लामिया अंजुमनने भारतीय मुसलमानों और अंजुमनोंके नाम एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण पत्र भेजा है। उसकी ओर हम भारतीय अखबारों और नेताओंका ध्यान आकर्षित करते हैं। ट्रान्सवालके भारतीय इतनी गम्भीर लड़ाईमें लगे हैं कि उन्हें नहीं है। हमारे भाई स्वदेशके ही प्रश्नोंमें उलझे हुए है; अतः उन्हें दूसरा काम करनेके लिए कम अवकाश रहता है। फिर भी हम आशा करते हैं कि वे हमारे लिए थोड़ा बहुत समय निकालेंगे।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २४-८-१९०७

१५१. एस्टकोर्टकी अपील

एस्टकोर्टके स्थानिक निकायने सम्राट्की न्याय परिषदमें अपील करनेका विचार किया था। उसे सर्वोच्च न्यायालयने ठण्डा पानी डालकर खत्म कर दिया है। सम्राट्की न्याय परिषदम अपील करने के लिए जो अनुमति लेनी चाहिए वह सर्वोच्च न्यायालयने नहीं दी, इसलिए स्थानिक निकायका पानी उतर गया है। इसके लिए हम एस्टकोर्ट के भारतीयोंको बधाई देते हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २४-८-१९०७

[१] देखिए “भारतीय मुसलमानोंसे अपील", पृष्ठ १७९.८०।

[२] देखिए “एस्टकोटकी अपील", पृष्ठ १५८।

  1. १.
  2. २.