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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

साक्षीने कहा कि वह [१]१ में वतनी पुलिसका अधिकारी है।

मजिस्ट्रेटने कहा कि इस गवाहीसे स्थितिमें फर्क नहीं पड़ता।

श्री गांधी: नये अधिनियमके अन्तर्गत पंजीयनका प्रमाणपत्र लेनेसे आपने इनकार किया है?

नये अधिनियमके अन्तर्गत मैं वह नहीं लूँगा।

क्या आप अपने कारण बतायेंगे?

[अभियुक्त:] क्योंकि यदि मैंने ऐसा किया तो इससे मेरा सर्वथा विनाश हो जायेगा। श्री जॉर्डनने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त पंजीकृत नहीं है और उसे अवश्य ही पंजीयन कराना चाहिए। २८ तारीखको आखिरी मुकदमोंको सुननेके बाद, भारतीय और चीनी दोनों ही उससे मिले हैं और उन्होंने उसे सूचित किया है कि अँगुलियोंके निशान देनेके इस प्रश्नका उनके धर्मसे सम्बन्ध नहीं है। बिलकुल नहीं है। ... श्री जॉर्डनने आगे कहा कि अभियुक्त टोकरी उठानेवाले साधारण कुलियोंसे भिन्न वर्गका आदमी है और उसे मालूम होना चाहिए कि पंजीयनसे इनकार करनेसे उसका काम नहीं चल सकता। उसे पंजीयन करा लेना चाहिए। अभियुक्तको १४ दिनके अन्दर यह देश छोड़ देना होगा।

मजिस्ट्रेट ने अभियुक्तके बारेमें जो यह कहा था कि वह अपने कुछ देशवासियोंके मुकाबले में भिन्न वर्गका व्यक्ति है, उसका उत्तर देते हुए अभियुक्तने कहा कि इस मामले में हम सब एक हैं। हम यह देश छोड़ेंगे और एक-साथ जेल जायेंगे।

लॉर्ड रॉबर्ट्सके साथ आया

इसके बाद समन्दरखाँ नामक एक पठान और भारतीय सेनाके भूतपूर्व सैनिकपर यही अभियोग लगाया गया। वह भी कमसे-कम अपना एक घाव तो दिखला ही सकता था।

...श्री गांधीके प्रश्नोंका उत्तर देते हुए समन्दरखाँने कहा कि मैं इस उपनिवेशमें लॉर्ड रॉबर्ट्सके साथ आया था। उससे पहले मैं भारतीय सेनामें ३० वर्ष सेवा कर चुका हूँ; में पारडीकॉपकी लड़ाईमें मौजूद था और मेरी दाहिनी जाँधमें गोली लगी थी। मैं प्रिटोरियाके एशियाई दफ्तरमें अर्दली हूँ।

[गांधीजी:] आप इस अधिनियमको नहीं मानना चाहते?

[अभियुक्त:] नहीं।

क्या किसीने आपको डराया है?

नहीं, कौन मुझको डरायेगा? यदि मैं फाँसीपर चढ़ाया जाऊँ तब भी पंजीयन नहीं कराऊँगा।

१. मध्य दक्षिण आफ्रिकी रेलवे।

  1. म॰ द॰ आ॰ रेलवे