पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१०२

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म्या१] पर पार प्रिटिश माति की क्षमता। कस BAREITF पाना मिपा जाता। जिससे मन पार मई संपार की गई रेमिमी को पुस-या पर सौर पर पी भी कुप, मो इप। इसी लिए आते देगा है। इसकी पिचाई गास तर परकी के प्रमेशप दिलाये जाते हैं। समिरा पशी मागी. ६एक दिन में एक साफ सेमा सापा। मैंने पामीन पर राना, प देगा कि जिले की सी लिए बड़ी मारी , पर गरमना पारि धार भी बहुत मे एप नियों पारी की जा रही है। मामी की गिकियो पौर परमाड़ों दिसाप माहे में बिसमान रमाली, सब परागीर मगम के में का अम्पाम बनेगा। यह यदा भार्य. सामने पताचा पारा ही है। मार्ग में मार मगर पर पा। पहुत से बम मारे पार हा यात समी दुई कमानिया पार पटक गोमारे रहे। म परका दिये गये थे। सिपाही अपनी अपनी सीम पर देशभक्तिपूर्व पाए और पिता प्रतिमा भीतर सपेरा मरो । ही मनोर रप विसाई ने । यह सप संपारी मगर- रंगरौ मेदस प्रकार मिरा मतना शाम दर न मिवामिने नई मेमा सम्मामा सीधी। मेना म मसरो देश मनिपूर्ण तयों का के नये रस को हात में ई एक माह में जो पुर पारी पेन मेम अपग , ने का अपमा मिमा नौ नि पानी मो पुससमारम्भ होतेरा भारत माती पक्षापुरी धार कार्यदपना कापप्ता परिचय दिपा है। गरे। मुझे रमाप कि पुर गुरुदाते मार गार्यों से महकी दुई शिक्षा की उत्तमता साफ प्रष्ट बगर में एक सपनापन नियमो पदी पारमी, गेप दिन पहले में सी. में सम्मिलित ने मामा दी थी। समयी इस पाते सिने पे और दूकानों में गाय हाय परे पमा पर धमेल प र भी समय भार मेमा में रेले पे, मात्र पुदमरानी में मनुस पीरता दिला र ममोगरे थे। इनमें से सो पुर रे मेराये में गाने से भरकर मित्पापी गारप प्रहम । योग्य पे गरें रंगों के संपार को का काम पे मोग गोपी की मड़ी में देश-प्रेम धीर देश-गारबारे गीत गाते । इमि पटुत पड़ी पारी के साप शप पागपा। की पोदी र विपात प" को सदन किया है। गालियो एक समपकी बात। मरेम हरा सार र दा मार म्होंने पदीशप्रगत संहार किया। गाीप पेमे दिले में#nा जिममें परासी माहीती मार में भी ये किसी से कम नहीं रहे। इन पीमा बम मनिकदीनिकचे। मम देपा किसी अनन्त सरिता साप पुरस्या में गरमी, वीर र सनिक, पेयान मे गुब्ने पर,पि सती र पासात भनेक परमेश। पाकि फोम में भरमा देने वाले दो पारिवारों की सी की वीरता की प्रशंसा निदेय शन तापो करनी पड़ी। रे। कारन पपने पर मुझे मालूम हुपा किये। कारन पपन पर मुझ मासूम दुपा किये पड़े दिन पीले, बर्मा ने सर पर पार हबार, पुराने दोने परम्प य म निपों में किसर इस प्रकार शीप्रतापूर्वक सेमा संग्रह के कार्य रेचिन मत। भर में से परेशानस पाये मे दी प्रशंसा की थी। पाकिचनर मई सेना की वीरता प्रसित नहीं। भाई का तरी मी मा परमा। कीदतमानम भर से मपा महीपते। of afक रेमि के मामा परविर्या भी बस ममेहत पर गुरु गोविमास की बात भाव भाती है। ६। इसी से नये समिक पुराने भोपदेवमो पर कमी म पे प्रशाप के ही गायें और गैबार विसामो को थी माति मति केमार बरते। प्रस्तु, शिवम के लिए तैयार अमे पगे तब मेमा रन पर पाक र मुझे मिसे सप की पुसी पर भी देवर से कितु शीघ्र ही नि पिया दिया कि समय पर में भारवर्ग मा। मी प्रासरी रममें गई आम म्पर्ष म पा । ग्दनि मेलि मे शेरी आ रमे ti मापक बना दिया।