पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१३०

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. । * इंडियन प्रेस, प्रयाग, के रंगीन चित्र * 1. भक्ति-पुप्पांजलि अहल्या भावार-" x * राम, पाकार-11"1" राम ). - पक मनरी शियमदिरोडार पर पादप गई प्रदक्पा पलाकिक मुन्मी थी। यह गौतम प्रापि सामने ही शियमूर्ति है। मुन्दरी के साथ पका की मी थी। इस चित्र में यह दिखाया गया है कि -मालक है पार हाय में पूजा की सामग्री है। इस प्रदन्या पन में फूल पुनमे गई पीर एफ फूल चित्र में सुन्दरी के मुप पर, एदेष के दर्शम पार हाय में लिये यही कुछ सोच रही है। सोच रही है मक्ति से दोने पाला पामम्द, अया पार साम्यता के देपराज इन्द्र के सीन्पर्य कोउम पर पह पक माप बड़ी यूपी से दियसाये गये हैं। प्रकार से मोदिन सी दोर्गा है। इसी प्रपस्या को इस चित्र में चतुर चित्रकार मे बड़ी कारीगरी के चेतन्यदेव साप दिखलाया है । चित्र पाहुत ही दशमीय बना है। भार- xt" मा मात्र शाहजहाँ की मृत्युशय्या 2. महाप्रमु चैतम्पदेय पंगाल के एक प्रमन्य भक पप्पय हो गये है। ये छप्ण का प्रयतार पार पाप प्रकार-10" x 1." पाम पर्म के एक प्राचार्य माने जाते हैं। ये एक दिन शाहजहां बादशाह को उसके कुचाकी घेरे ममते पिमरते जगन्नाथपुरी पौ । यदी गइस्तम्भ पोरंगजेब मे धोखा देकर कद कर लिया था। बाके मीचे मरे होकर दर्शन करते करते पे भक्ति के उसकी प्यारी पेटी जानारा मी पाप के पास कैद प्रानन्द मै सुप दोगये। उसी समय के मुन्दर की हालत में रहती थी। शादी का मृत्युकाल दर्शमोय माय इस मित्र में ही यूपी के साथ दिखलाये गये हैं। निकट,महामारा सिर पर हाय रफ्ने हुए चिन्तित होही है। सी समय काहय इस चित्र में दिमा लाया गया है। शाहजहाँ के मुन्न पर मृत्युकाल की बुद्धन्वैराग्य पशा पड़ी ही सूची के साप दिखाई गई है। साकार- 1x1 दम्म . भारतमाता संसार में हिंसा-धर्म का प्रचार करने पाले पाकार-1.३ ४" दाम , महारमा पुर का माम सगद में प्रसिद्ध है। उन्हम स राज्यसम्पत्तिको हात मार कर पैराग्य प्राण कर इस चित्र का परिचय देने की प्रधिक पापश्य. लिया था। इस चित्र में महारमा पर मे अपने राय- कता नही। जिसने हमको पैदा किया है, हमारा चिों को निसन में जाकर स्याग दियापार अपने पाळम कर रही है, जिसके हम कहलाते हैं, पर जी अनुचर से उम्दै ठाकर पर ले जाने के लिए कद हमारा सर्पस्य ईरसी जममी सन्मभूमि भारत-माता रदे हैं। उस समय के, पुरके मुख पर, चैपम्प का तपस्विमी घेप में यह दर्शमीय मित्र बनाया पार अनुधर के मुख पर पापये पर इस चित्र गया है। प्रत्येक मारतयासी को यह चित्र अपने मही सबके साप दिवसाये गये है। पर मै, अपनी प्राय के प्रागे रखना चाहिए । चिों के मिझने का पता-मैनेजर, इंडियन प्रेस, प्रयाग।