पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१३१

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सरस्वती में विज्ञापन . . सरस्वती के नियम यह वो प्रापका विदित ही है कि प्रभ सरस्वती -करमानी मनिनास पनि हो । का प्रचार मारतवर्ष के प्राय: सभी प्राम्तों में उधाबम्पय गारिन . रोप्तर अधिकाधिक पढ़ता जाता ह.भारतयप का मैत्री जाती । पुरानी मनिये सरपी मिना ! संगरापापिना पनि पेसा प्रतिष्ठिम नगर महीं जहासरस्वती"फ भोपका मूम) प्रमि से परनिय शता।. अनेक प्राइक मदा। यही नहीं, किन्तु सपना -माना नाम और पता साहy प्रमरीका, प्रमोका. फोजी दीप प्रादि दूरी में भी जाना चाहिए। जिसमें पविफा पर सरस्वती के उत्साही प्रादक बढ़ते जाते हैं। यद -शिम मास फी गालीकोतिर हमारापनमय ठीक है कि पफ एक प्राइफ के पास मिरी माग के बरसको विपनामा से सरस्वती ले रेकर पढ़मे पालों की समया पाठ• नि पार निता से परामिा सत्यम विकास माठ, दस-दस.सक पाम साती १ऐसी पशा में परि एक दो मासा सरस्वती का प्रस्येक पिधापन प्रतिमाम तीस घालीस से छोटारमाने गएम मन मार दज़ार सम्प मनुष्यों के हारगोचर दो जाता है। श्रीरामा प्रपा परित काम मि सराद । इसलिए सरस्वती में विज्ञापन छपने पालेको विशेष का समय पार मी चाहिए। -परततीमेपार मात साम रहता है। सन् १९९० ईसा से तो सरस्वती - रथा पर धावा शिवम का प्रचार पोर. मी अधिक पढ़ रहा है। की परमा, बबार प्रीतपरम पास शिप्राप मी "सरस्पती" में विमापन पसे पार को वरिपाले सारफान पनि छपाकर उससे स्टाभ उठाने का शीघ्र प्रयदा फरी -ख, रा. मारोप पारपान शब्द विज्ञापन भेजकर एक पार पयप परब, एमादक रारातारा . पीक्षा करके देन्य लंगे। मेने पार । गम चपा पपANI रापास्ती निष, मारने पाने के नियम पे ६.- पामसमर निसान भूमिपमा... ३ अम्म हो गई ... ... १२) पतिमान ___ ण भए प्रपरा मामला करमापारोमिनेसमिमा कपामगानेसीमामा ओमय एगारमोगमा सिमा -HTER स्निम देसे करने की dि महा fong REA TRA अमीगम बम २-एक मतम या इसमे तिमिहान पानेको at मेरा मार बार . हादिना मन्य तीati है। नहीं। पिहायपो मसनि तर निर्मा २-माही दाई परा देना होगी। - मरके सिमा एक पनी म भिनम पापमान क्षाम.) म नि । मेवारगे, सरर. 1-रावादिन. मन ... .. ४) नेपफ पपी का भय ... .. PRAणमा। पच स्यपहार मन में कीजिए, मैनेजर, मरस्वती, परापर व मासामा रो. मग दिगम प्रेम, प्रयाग । म ITER गामा- real स १ . .. -