पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१३२

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uran हिन्दी कविता में बिलकुल नयी चीज़ RO "देहरादून पर्वतपति हिमालय के अंधितल में अधिष्ठित देहरादून की सुरम्य पर्वतस्थली का मनो-मुग्धकारी पद्य-मय वर्णन । पं० श्रीधर पाठक विरचित सुमधुर "घरवा" छन्द । अद्वितीय अनुप्रास । अपूर्व वर्णनशैली । सैकड़ों एक से एक अनूठी पंक्तियाँ । अनोखी दृश्य-छटा । स्वदेश-प्रेम । रसिकता की खान । तीन सुन्दर हाफ़टोन चित्र । रोचक भूमिका । शब्दकोश । चदिया मोटा काग़ज़ । सचिन मनोहर रंगीन कवर । मूल्य ।) वी. पी.) इस संस्करण की थोड़ी ही जिल्हें छपी हैं । शीध मगाइये । मिलने का पता- श्री गिरिधर पाठक श्रीपद्मकोट, इलाहावाद ।