पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२

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। महा की उदारतात है स्त्री- की तीन हजार ३००० पुस्तकें मुफ्त १॥) मुश्रीमती यशोदादेवी कृत ६ पुस्तकें विना दाम मिलेंगी। ११-पातिमाला।)२-पातिव्रतधर्मदर्पण।) ३-सच्चा पतिप्रेम।" ३४-घर 4)५-वनिता-पत्रदर्पगा।) ६-सच्ची सहेली। यव केस्सी अस्सी प्रतियां कुल पुस्तकों की और वची हैं शीघ्रही "पत्र लिखा लीजिये । पुस्तकें बँट जाने पर पछताना पड़ेगा। हमें का उदार महारानी साहया ने सीधर्मशिक्षफ के प्रचार के लिये रियों में सर्वगुण- सम्पय पदिणक पुस्तकों के प्रचार के लिये धन की सहायता दी है प्रतएप ऊपर लिखी हुई. पुस्तक वाटने किया पुस्तके घट रही है। जो सघन नीधर्म-शिक्षा के प्राहक देगे पार' १५ फवरी तक में नाम लियायेंगे उन्हों को पुस्तकें बिनादाम मिलेगी। यार्षिकमधर्म-शिक्षक प्रार)। पुस्तको पार पनका साकवर्य कुल १n) ममीमाईरसे मेजर: । या थी. पी. दारफीजिये । शीपता कीजिये केपल प्रस्सी २ प्रतियाँ कुल पुस्तकों की पार घाटी आयेंगी : इस प्रकार यहाँ की तीन हउ प्रतियो मुफ्त बर्टगी पुस्तकें पैंट जानेपर पडताना पड़ेगा क्योंकि पुस्तकों का गुण ही समझ लीजिये ऐसी उपयोग्मे पुस्तकें नियोंके लिये दूसरी जगह म मिलेंगी। श्रीधर्म-शिक्षक सचित्र मासिक पत्र । स्त्री-शिक्षा का सचित्र मासिक पत्र दिका-श्रीमती यशोदादेवी, 4 में इससे सस्ता सरल और उपयोगी स्त्रियों के लिये हिन्दी ही नहीं संसार की किसी भापा. में भी दूसरा कोई पत्र नहीं है। मार्पिक मूल्य १०॥ पुस्तकों का डाकखर्च ॥ कुल राई mmamia इस समय पीसे हज़ार खिया इसे पड़ सुनकर लाग उठा रही है। कीमती धाका विदुपी हिन्दी-हितपिणी रानी-महारानियों द्वारा संरक्षित. ए-धर्म-शिक्षा में-धर्मशास, मीतिशास, पंचकशास्त्र, इतिहास, पुरारा, शिल्पशिक्षा, धावृविधा, पया, भूगोल विज्ञानशाख, कथा, कहानी, पदेन्दी, गिप्रयिता, धानासीम, शारीरिक शान पर "पुर्व मनोहरपन्यास, सन्तानपालन, पदमपन्ध प्रादे रखी-उपयोगी जियो केही रंग रहता श्रीमती शोदादेवी स्त्री-धर्म-शिक्षक (नं०स०) कर्नलगंज, इलाहाबाद ।। पुस्मोकीय बाँटमा निश्चय या दिसम्धरसे पर रहायसी प्रतिया पार पाहा मारे गा मीशिका की सा मगरको परिमा पपपपोगाई र १ की ३. पुण में दी मियती -मंगा- 110) मप १ कर माम ग्यासे। भी