पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२२२

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संस्था २] विविध विषय। - २१ इस मो से एक पिसपणता प्यान में मापे बिमा 1-11 में गये और चामों की संख्या वहीं सती। मय से प्राप्त हुई फीस और चम्दे प्रादि की [पियों के शामिल हों] राम माने दीमिए । पापा ' गवर्मर अपने प्रमाने से देवी है उस पर विचार सिए । शिन प्राम्तों की भावादी वा | कामी | पात्रों की पात्रों की बीमत भभि और महा शिवा का प्रचार कम तो की सम्पा, सम्पा समय पर कामेव या सर्व करने में किापत की जाती है पर यहां की प्राबादी कम और या शिक्षा की प्रदीप की बहार ३८ मारता से सर्च किया जाता हमारे भारत की भाषादी मदरास कोई न कोई है। शिक्षा का पाकिस्म बाने पम्प सम ... मा में से गम १२ मा पम्ई एम पाते हैं। किस पर भी इस प्राम्स की गरमर सार ११९ में बस जाल बार हम्पा सर्वाती पर संयुष्-प्रान्त फाय, मपरास भौर बम्बई मान्तों की भाषादी इमारे पिहार और पड़ीसा मारत की भावादी से कम है और शिक्षा-प्रचार मी या यहाँ से अधिक है। पर सच हमारे प्रान्त से बह लगभग बीड़ा पम्बार २०१ फिना संवा है। मध्यपरंरा और बार ____ प पू से हमारा सब गवर्नर के दिये हुए ' सोरेन मे। रेलिप. सदस्य माने पाम्प रन ... प्रदेश {पये में से किस प्राप्त में मिलने पर एम यो:- माराम जम्मा पम्प के बाजी में भी का सार पात्र और करण मारे मात के कामों में मौकार ! मात् ममुक-प्रान्त हमारे पर्दा फोरमेय काओं का पासत पड़ा। पार इस दशा में भी छायों की संख्या निर्णय करमा और ऐसे नियम बनाना शिनो कारस काडेमो में यात्रों को मरवी बिहार और गड़ीसा देने में कठिनाई ग्पस्थित हो, शिक्षा-प्रचार रेसिप समाते मनपरेश और पराम की बात नहीं। गवर्नर को चाहिए किया इस भासाम प्रकार की पापामो को दूर मरे। परिचमाघर सीमा-मात ७-मारमापा के द्वारा शिक्षा की महत्ता- पासी पफ सरकारी अफसर की राय । सो पपिमोत्तर सीमा प्राम्त तक शिक्षा में हमारे प्रास्त से भागे पा एमा।सिपी इमारी शिक्षा लिए प्रत्येक विभ-मिभावय र सास एक तासामा । कम किया गाता है। गसमें एम. ए. और बी. ए. प्रादि पास हुए बाओं ने मारे पारेकाजीकी शिका में भी दिनहीं। पदवि धीर पद दिये गातेग्रेई प्रतिहित पुरुष- मारे का नया देखिए- विरोपका थि-विद्यालय से सम्बन्ध रखनेवासा-यफवा प्राप्ताम २.