पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२२४

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सस्या २] विविध विषय। (सत्र पाबम बापू भएपमारदात को किये कोई पीस १२-पारसियों के मारवागमन की जयन्ती।' प नि गना में एक पुस्तक दिली। इसमें पारसिपी कोईराम से भारत पाये पूरे १२.. वर्ष हो मारोबारे समय का विवास उसके बीवन की सेना पक्ष्य में रम्हनि बम्बई में, दो तीन महीने हुए पाया सभी प्रधान प्रधान मनामी का पर्यन भी। सी एक सय किया था। पथपि इन पेगों को पा पाकर में रच मासाय ने ममाय-पूर्पक यह सिद्ध किया है कि काय पसे इतना दीर्थ कारो गपा पापि भव तक इन्होंने कोठली वासी परमा हाबबेड साहव की पोख-कल्पना मात्र अपमी एव-साम, देश-भूपा और बर्मकर्म में प्रायः है। ऐसी कोरी का इतिहास में कहीं पता नहीं। तमासीन पूर्वक्र ही अपय क्या पता है। इस बातो में इन्हेनि पात अंगरेजी और नवाची कागज-पों में कहीं का रखेस हीम परिवर्तन होने दिया है। किसी पम्प अति पीर महीम सम्मि-पनों में ही कहीं समा नाम, म पुराने सम्म देश में सी दो सौ पर्प ने से मी मित्र देशवासी मुसलमानी इतिहास में ही । लाइक पर्यों और रिपेार्य में इसी भाति और सी देश के निवासियों में बहुत कम मित भी रसी गाय माही। सिाडौमा कास्य ईस्ट इंडिया वाते हैं। एक पारसी बी ऐसे हैं जो इस मैसर्गिक प्रवृत्ति से कम्पनीको मो मुस्मान ठाना पड़ा पा इसके बाद में सिरा बचेर पेखोग अपने धर्म कपड़े पाये इसमें ठोपाको यातच वण्ड रेमा पहा पा । पर इस काच- परिवर्तन के पड़े प्रतिक है। इसी से इस सम्म में ये कोठरी के कारण इससे एकरी भी नहीं दी गई। इसके भारत-पासिपे से सदा भबग बी और अब तक मी सिवा 14-15 फुट की पोटली में मादमी पाही भवग है। हममें पर्मविषयक सीमता इतकी मम नहीं सकते । र, म्स समय में इतने अंगरेज पेरी किइममि अपनी कम-भूमि ईरान को छोड़ दिया, पर नहीं। इसी पराभवणानीय प्रमाण देखापा माप- पर्म म बोड़ा। इमार ने इस काम कोली को हारवेस सारे दिमाग की गई एकापार मपं तक इनका भाभिपाल ईरान पर सना मात्र पापा है। पर इससे अंगरेदी के बड़े गो सा । ग्रीक और रोमन मोगों में इनके ऐ पर कई बार सम्पयर-पों और अधिकारियों को सन्तोप वहीं एमा। माममा रके इनको पाबात किया, तपापि ये फिर मी माय होता है कि पार नगरे समय में इस परिपत समागमे । पर परम पानी से इनोनिबार बाई । इसकाम- कार-प्रेटरी को पार दिखाने के लिए कही पर कोई स्पति- धर्म अनुमापी भर-निवासि मे इमसे इमन देश ही किमी बड़ा या स्थापित किया गया था। अब इतने नवीन सिपा, इनका धर्म मी मनिरामा निस समय पर, बाम पाता है, प्रत्यार पापू की बोग समप ईरामी पारसियों का राबा परवेगिर्द पा । ११ ईसवी का विफबा मे मार मंगे, जो अब म मावते में। में परयो मे रसे मारा ईरान का ससे पीन मुशिववार के मिस्र जिसमे अभी हाल में एक गवेपसा लिया। इसके बाद गहोंने ईरानियों को बार बार पूर्व मेच प्रकाशित मायापार गरेमी की बात से मुसल्माम बनाना शुरू किमा। इसमें भी ये पयेष पाट पर प्रेजी नामक एक सामक्कि पुरक में निया सफल प । बिम पोड़े से पर रमिपो ने मुसस्मानी है। इस पेख में चिटिम साने मी पो प्रमावर पर्म प्रहण किया ये दूरवर्ती समान को म्यग गमे । । परसिय किया कि कारबाहीको मार्ग पर मी रातकी रक्षा पदुईइन मागे ए ईरानियों मानी के सिवा और अपनी कमि भएकामार दो में से कुछ बोगारासान के पास पास भी ना क्से । दिप प्रमायौ रेसिवा और भी किसने दी प्रमाण अपनी पे।हाँ भी मुसम्माम पहुँचे। ये साप यहाँ से भी बात की पुष्टि में रिपोनि यामी छापा मगे और पारिस की साड़ी के किनारे पाम बानियाप । समानी की कल्पना का कारण क्या पाखि सब ा से साल पर सवार होकर मालूम नहीं रहा गाने का है इस बोरकीनत, RAATप्रवास प्रपोली बेइरादा रखते पे किम का मारा इनका बहाय सम्मात । श्रीमानी पर सदा के लिए परवा पड़ गाया की गाड़ी में सजाल मामा सादर के पास मा बगा। बेचारी