पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२३३

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पारस्योपन्यास। फीलक, कपष, पान्यास. करम्पास, रहस्य पिनियोग मादि सभी पाते इसमें मासूदास जिन्होंने "पारम्पोपन्यास" अर्थात् परेपियम यह भी लिया गया है कि किस काम कर माट्स की कहानियां पढ़ी उनके सामने यह शिस मंत्र का संपुट स्गामा धादिए । पेमी प्यु. पतलामे की प्रापश्यकता महा कि पारस्थापन्यास तम पोपी का दाम केपल की कदानियो कैमो मनोरमक पार प्रामुत ६! सामिदिमकाश पहियोपामुदतोदया)३३) . : .. परमदेशीय सदसनसनी-परित पढ़ने वालों रसदस्य (प्रेमियों के देनमे योग्ण) ... को एक पार पारस्य उपम्पास भी प्रपदप परमा ) भीतमपिदार (श्रीरामचन्दजी प्रेमममन) पादिए । मूल्य दशतसमुपय (उपदेश गरे हरान्तों का संह) 1. भाषान्याकरण । महिनस्तोत्र ... ... ... ... " धीयुत पण्डित पदमाति गुह, एम. ए. प्रमि- कामुयो हनुमन्यापर ... स्टेंट देण्मास्प गपर्नमेंट दाईस्कूल, प्रयाग-रनित । नूतनवरिष। हिन्दी भाषा की पद ग्याकरण-पुस्ता पाकरण (मासपी..सा प्रण जिमिन ) पदानेपाले पापापोरे पड़े काम की पीड़। पामा उप-गास प्रेमियों में अनेक पम्पाग विद्यार्थी मी इस पुस्तक का पद पर दिन्दी-राहरय दोगे पर मारा मनुमामकिशापद उन्होंने देगा . का योय ग्राम पर समते ६ । मूल्य" प्सम उपनगास गाजाको महाँवा देगा। कालिदास की निरङ्कदावा । इसलिए दमा और रेकर बहस 'नूतमरिम' का प्रयास पहिए । मुल्य ( पण महाभमानी निती) पोडशी। हिन्दी के प्रसिब सेपक पगिल मदापीरप्रसाद गनाप्रमिच पाम्माधिकारी दियेदी जी ने सरस्वती' पत्रिका के पारदमाग में प्रमातामार बार की प्रमापमानिनी बनी। "कालिदास की पिता" नामक ा सेप-भाना ही गां१६ पास्यापिलोमाया ममद अंग महाशित की पी पद.अनेक दिग्दो प्रमिपा माद में प्रमियसी पारिन करने पर, पुमाशकार प्रतिशत कर दी गई। णया प्रगपादपारयादिलो में पम्पमत भाभीयो-मीरापुमाका मैगा पर पपपार पाने पाणामी पायीका, दे ।मम पर पार पाने । पिचिनयधूरहस्प। भारोग्य-विधान । गाठा गिर मेगा धीग्दादमाएर . मदापनिमिटाएगमार"माम पगमा मीरोगरदने गुगम पार्शवपन र मूसा उपन्यापपा पद दिन्दी पनुगाए 'मायाम' . दुर्गा सप्तशती 1 माम पारगमपन्यागजिन मर्म पर पुर्गा की पापा नदी गदर ती पटनगलनी महापूर पाम भी I मारा पार पक्षर भी बड़े पगार कैमा उत्तम, पारसपाही पाय मारेापामा मगाराने पिना पश्मा कपारेदी हाकमा प्रमाप पागाला रम्पापरे एमय पाठ पर सादी गुर । पाराशरतिमा मत पुषe free am- मैनेजर, इंडियन प्रेस, प्रपाग । .