पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२३७

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  • * * इंडियन प्रेस, प्रयाग की सर्वोत्तम पुस्तकें * * *

___ यवनराजवंशावली। नाव्य-शास। . (भरणी देशप्रमारमा मुसि) छोटी होने पर भी पुस्तक परे काम की है। इस (नापिय मnि ) पुस्तासे पाप को यद माय विदिशा जाप कि • मूल्य 1) चार भाने भारतपप में मुसलमानों का पदार्पण कप से दुपा। मार से सम्पमापनेपासी-पापा, शिस सि वापशाद मे रितमे दिन तक प क्षी पार-कसना, गापा, रणमापातुर्य, गृतिया : राज्य पिया पार पद भी किवान माशाह पिस सन् कार, लक्षण, जयानेका, परपे. पेशभूग, हरभरा, संपत् में एपापही न कि शादी की मुमय पर कालपिमाग प्रादि-पने पानी का परम - मुस्प जीपन-पटमा का भी इसमें उपसिया गण पुस्तक में यिा गया है। दिनी प्रमिण र.. दिग्दीपास पर विशेष कर इतिहास मेमियों के विशेरकर उम सम्खनो की, या मारमा लिए यह पुस्तक परम उपयोगी मूल्य पारित करने एम्ो पणे माटार विकमायदेवचरितची। मुगा पीसाव पर रहे ६. पर मारपाका पषपदी देखना दिए । पद पुस्तक परम्यती-सम्पादक पणित मदार- मददी भी की मिमिन्दन वापि- लड़कों का खेल। . रमिन ' पिमानपरिताप की यह पामदामना (पाती ) मम पिसमादेयमा जीपमस्निगी पर पेगी रिलाप दिनी में पास मौजीबी फिरकाप की कविता के मन भी जाना मीरा को पित्रादी पार यि दुप६इन या समें पिन्द-गि कामी पासपो के काम की निगा शिस जीयनचरित लिया गया। पुकार पमे गादोभानक मार लिमा पाने में पाम्प । मुल्य मी पुरातात मी परमपिसाप विही पदा भाषातों की प्रारम्भिक पिकिरसा। निखमा पाल गयमीप पलामूपा KM मार .11 खरनतमाशा। सारसी भादमी के पार मग माती पर पट भी दिनो पहले सतोमर frintीटर शातीर मामरामा की तिसमे सगर गुना तपः कर देता है। पर मदो पशर मी पारी के सापm पप गापायी रानी।दो सपा माराम पाटापरे गाय मे पार पार परिकारने के लिए. हमने पर पसारा पदमा पारसमस प्रकाशित की TETरकी पारी की हिन्दी का बिलीना। भारम्मित, मि, पास दिरा पर पुराMetra स्मिारिम्पार पर गिपा मगरपोलमhant स पुस्ता में समापनुगार और प्रसादमी मना करता found निसिरीयसपोरें भी TV रमा मे रि पने प्यार . पुलामीtan पिनामामा प्रारबिर मुस) YMEAnm-मेनेजर. इंडियन प्रेस, पपाग।