पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२८४

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सम्या ३] युग पार ग्रिटिश जाति की समता। मापार निकासी घी । मम मससे पूछा कि क्या आप भी कां जगा पीपपासप मा पुदप तो नगरर, सेवक तुम कामटेबलगरी की भूटी बरोमो इस पर रसने ग्वाब और धायी की गाड़ियों के गादीवान मर काम करते रिया-"म" । यसका सत्तर जैसा सार-पूर्व पा से सिर्या भी शाक्टरों और धात्रियों का काम कर सी। भी मैमे बसा ही पाया। यह मनुष्य अप भी अपनी भूरी पाटेरे श्री-पुल्प पुर शुरू होने के समम तक पानि-विमा का ग्सी मममसार जिस तरबाई यह होने के पोड़े कुब मी ज्ञान मरसते थे। किन्तु गन सेोगो मे अपना काम दिन बाद पामेडी पहस रसवं करना मारम्म फिमा था। पोर दिया और भानि-विद्या की शिक्षा प्राप्त करके सम व सी सिर्पा भी पुलिस की मरी करती है। शो गये। प-मिरचय और देश-भक्ति इसे करते। सोग रेसवे-स्थानों, प्राम रास्तों पीर साम दास मालों में पढ़तेरे पादमी सिपाहियों को अनेक प्रकार के योग- पारा रेती । बिशेप मचे शराब की दूकानों और सिरा भये सिमाने में मस्त है।सिपाही पुर में पास कर दियों की पारी के प्रास-पास गरत पगापा रती हैं। पुमापने के योग्य नहीं रहे। हमने इस फैशन मिक्षती मतभर पा कि इनके बारव बान पकिर्या और सिपाही कोई काम सौम माने से वेद और कमा मेरो । तप पराम पीने से होम से बचें। ये रमसममा र शराब पीसे अपनी पेन्शन पार मिानत मापूरी से प्रम्स सपे से पे अपने से बार सों। उम्प का भी सरा पासन-पोपण कर सकेंगे। इस विपप स रोग में अपनी एक गाम-पाचान की पी से में सवसे अपना काम रम सिपाहियों को स्योग-पन्या करने मिया । पप स्वयं-सेवकका प्रम करती है। मन मससे पूछा पोप बनाने का जिनकी पिकाई में गाती रही। • कि क्या में अपना पर काम नापसन्द तो नहीं ? इसने ये और इस मही तो पुरसी धार सोकरी पुमना सीस कर ही पदवा-पूर्पक नाव दिपा--"ही" । साप ही इसने इनकमा पंगे। पा मीरा कि मुझे अपना काम करते समप मो मोग इस सम्बन्ध में मैं मिसर सी.पामर पिसम माम मिले सबका पब मेरे साप पहुत ही उत्तम सा । से पह का रोग लंगा । ये बात ही साधारण स्थिति से प विचास है कि यह पौर रसके साम काम रमेवानी प्रसपारनबीसी के बहुत *चे पर्दे पर पप गये। इस पौर मी वैसी ही सि देश की पात ही सेवा र समप पे विज्ञापन के परमो मारी पुस्तक प्रकाशक कार्याक्षम सीसके मम के माषी का हाल बानर मुसे बड़ा माविका पर, इनसे पियो दिन दुसरापी होगपे द मा । रसमे सी-स-सेवक दस का काम अपमे इनकी मांझे काम हो गई ।फिज इस बिपत्ति से गम्भीर और ग्राम मानसिक मावो से प्रेरित होकर प्राय इनकार मही टूटा । इमोनि “माइरा सिस्टम" के भनु- किया है। वह विश्वविद्याप की प्रेवएट है।पोतिष-ग्राम में सार ठे हुए पहरों का पामा सीप है। अपर सास तार गरने पारवर्तितव मास की वर्ग तक उसमे स्पोतिए- पर प्रन्यों के पाने के लिए गमापे गपे हैं। गुत पपी से ये पानी का काम भी किया है। इसका विवाद भी एक अपना सम्प, अपनी पति और भएमा पन मन्त्रों में सिपा म्पोति-प्रपेचारे पाप मा। पति और पत्नी रोगों का प्रचार करने लिए पूर्व रामो को शिक्षा ही अपमे अपने काम से अबकाश-शासन है। इनकी मिस गाने से अपना भरण पोपप किसी तरार पोम्य अस्मा इस समप मील है।यापि रोगी इस समय सर्म-सेवक हो जाते हैं। पुर यह होने के समप से दी पियमन साप प में शामित्र र मगर-एक सिपाही का काम करते हम कोम के लिए पन-सामा भने और पम्पों की पर हुए पेश की सेवा मीनान से करो। सी असुपिपायों को दूर भगाने के पान सोचने में पाप . सारो पी-पुरप अनेक प्रकार से पाप सिपाहियों और ग्मफे इस कार्य से ग्न सिपाहियो पातमाम अवाब पुख-पीड़ितों की सेवा में गेहए।"रेस पारपार जिनकी मनि पहाई में काम हो गई। प्रयम' सपा "सेंट मम्स एम्बुलेन्स" नामक रामपा-दो मिटर पिपर्मन का मैंने एक बार मात्र रिया। बग बास रुपये सहामा बिापत में तपा पार गरे साथ और भी हमारी सी-पुरुष पापा सिपाहियों की