पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२८९

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- सरस्वती। . . . . . [म-23 पमानाय गे घनपटी मामा की पेसी मेयाकी प्रमानाधसी में पारन में पिदार मार कि उन पर प्रसन्नदो गये। उन्होंने मानायका प्रसिद सिरतीयों में भ्रमराया। परति हठयोग की मम्मूण मिपास में दश पना दिया। पाप पफम्मात् नम्मंदा के रिमारे पर ATRE दग्दर का भाग साक्षात्कार का अनुभव मी दोन पहुंच गये। मठाधीश स्वामी पानपगिरे माग लगा। पातु पनपदी पाजय की काशी, मामा मामा । प्राकडे शिकार का पारमीर भादि की कथा सुनाते नर मानाय का । सुना है, म्यामी मामाय मे मामnan. उदय लियो उपल उठता । प्राय गमानाथ दर्शन पदा, तया धाडीसी मसरारा-मापा मी गरो। तीर्थयामानिमित जाने के लिए पनमारी याया में पारामायनी हरयोग में सा सार प्रार्थमा करने लंगे। इस पर याबाजी ने घमानाय पाप राजयोग में भी पास ग ए राम को देश-यात्रा के लिए अनुमति दे दी। पाद भाप रदय में काश्मीर देशम पाप गुरमी से पिदा कर १६ वर्ष तक सालमा उनाई। पर: माप, मपन १९९५ में. नेपार के पक्ष में म्रमण परतं रद। यहाँ ध अम्र पामार प?में। पागाभ्यास किया। भाएकी फीति मर्यत्र फैम गई। मुमा है कि नेपाल के कर उस पदाधिकारी तक कादमीर में प्रमानाप महापंप का पाम मन मापके दर्शमा परों मटकन रद। २२ पर्ष की प्रपिस पा जाम के प्रभिटाला महार प्रयस्था में मापने नपान की सीमा पार कर गना जन प्रति या कायमीर के धीनगर में मामा पाटन का मेला देगा। मर जान ६। उन भोजन पारिता ____पाटन एकटा सा गांव है। यहां श्रीपादरी काश्मीर-दग्पार की धार में माम Trire देपो फायदा पिशाल मन्दिर है। इस मन्दिर की साता अमरनाथ गल्यास पदनाप पार गिति कम मादी । मन्दिर के महन्त भी योगी दी . नदी, किमार मगर पाले पार टीमी है। पपि पारन प्रिटिश राज्य में सणापि यह की था पर प्रागम पर सगे। यह बाद महायजा परगमपुर के अधीन है। पैरो मप. मही 15 पदयात्री से काही पाये। गर में पर्या का मार्ग मेला लगताम मले पहले श्रीनगर में कई एजार पारियो । में गवारा पटरामपुर भी पाते हैं। देश-शातगे करता मी मन, कायापार के विधान, पण्डित, माधु-मतामा भी दाते सा कर प्रम यादी में करना पता। पाटन में पलिदान की प्रणाहता नेपाल के मार्ग में पिया पार नहीं थार महश पाटन फेमापु-मन्यामी भी मामाजी । पूर्णिमा में समान भिधीनगर में ग्यामी पमानायनी गुणगौलाना मताला पपमधाम बीपिडा, मनम्नमाग. माता पप्पर पांगी। प्रापन म मया विश पहाटगाय, पदमपाड़ी, शेषनाग, पाना क र पायोलम किया | म यह प ग्रीष्मरमाग पहुंगता .. माममा गापुरी में गये ये पागनाय की मामी गमानाची गोगा पाना महोपमा शापमानापती मदागा येदमा हामीलाई पार मप्र मसाले र सहन नीकर लिया, परन्तु माने महापाप म मालम ही वन ST ग ममतार गाणे में मदाने हो। जस्मादी में मादा पार ना