पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३१५

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__ सरस्वती। [ भाग मात पीर वागाव की हानि का पार्यिफ मूल्य हमने मुकाबले में शायी रियासत के मामी 'माग सकदारपसा है। वह ५०० रुपया साळ पर्यात् और भी अधिक होती है। फुस ७,५०० रुपया एमा। क) इस प्रकार सारी हानि का टोटल ६० हजार रुपया दुपाापर यदि पारसलाम भोले की कहानी। छोड़ दिये जाय, पफमाष प्याज का हिसाब देनाजाय, (पालको के लिए) तो उसकी कमी ही, ६) 1-पर सारे बड़ा सा प्रोता सको के हिसाप से, १५ पा मानौ परेका गोमा। पर्प में, - १,५०,००० रुपया हरी घास पर पहा दुपा या (स) पाप प्रादि के बन जाने से नदी पास में खड़ा हुमाया। , रियासत की हैसियत में -नि पा स्यामाई, पृरि यदि ३,००० रुपया तप उसने मौका मुमाई- सो मैं अपना समता, ' साल रक्सी जाप (पार पेसे पाने में मी अम्मा पाई। कामों में इससे अधिक सूर्य ३-पर मैं तुम्हें सुनागा सपा नहीं होता) तप भीमा- पर भी नहीं विपापा मारा यद्यपि स्पर्च से प्रामदनी जो मेग इतिहास मुनगे, कहीं अधिक होती है कम पे रससे उब सार सुनो। से कम १५ गुना तो अधिक .यापि न मैं पव साहनी का . प्रवाश्य ोनी चाहिए। पता हूँ मैं किन्तु पीका (ग) लिकासी फी मुसि भी हम सूरत मरी कम गई, केवल- १५,००० रुपया दोन रही वा नरें । मामे लेते हैं, यद्यपि यह -मुफ में भाई-भाष पाइलमा. कृषि इससे कहीं अधिक अनातिमा ! देती है। में मोती मा निमंडपात अरम, dि wमाचार - इस प्रकार-कुलमाम हुमा २,१०,000 रुपया 1-एगा आरोगहरी पी, इस प्यारे में हमने उन सामाजिक, मानमिफ मेरे पास पगारी थी। पार व्यावहारिक लाभी का कुछ भी प्राधिक मूल्य रविम पपना यावा, मही रखया मिनका पर्यन हम ऊपर कर पाये ६ और गगम में मुझे दावा।' पार जिनकी हम सबसे अधिक मूल्यमान् समझते हैं। .-अपसरवर में रपियो पतपय हमारी सम्मति है कि देश की पर्तमान लगा संपने ममपदि। दशा में कोर्ट में रियामत देने से हानि की अपेक्षा मुरास मुरंग मारे । माम ही मिशेष होता है और सय रियासतों के रिप मगाई गमे पाये।