पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३२५

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सरस्पठी। '[भाग पासों मे उसके पास की विशेष पति करके से मून- कर देती है। इसी कारण अपने प्रपोगों में मापा ममः सरूप माप दिया है। यही प्रत कर सकते । सो त पारिता नाम का माच निासीम। बिना मान-सम्पादन पिज्ञान प्रेमियों के समीले सिए कोई प्रप्या रोग फिहम बाहर बाग को-विदेशियो - महादे नहीं। पानी चादिए । सो प्रारक काम सये। अतएव शायर देखना चाहिए विज्ञान प्रास रसमें मीना दमी चाहिए। किया से माता है। शाम-सम्पादन करगे के लिए मुल्य यज्ञानिक मादन गरेर मात तो मन दो बातों की प्रसव है।(.)पमा शक्किी और पा सशही सवर पतीरा पूरे रा . (१) प्रपमामी को नियमपर ने की। नो काम साया। देखिए, पेरारा गयी (बाई must किसी गोश-पिरोप से मिपमक मही किया जाता वार' पर्चा) शान-मासिकी देश में अपनी जान दी गाया। मिप्पासाह, सलिए किया गया परिमम मर्म हो गया तो मारी मुरिष दूर से की मो . जाता है। इसी प्रकार, परिसमा बसगाम ही बात हो कि अपने मन पसार रहना । आफ्-वर पेरो-रोक दीवाई माप-तो इसमे अनेक जिस काम को बाप में लिया होमी में, समर बन्पे पोहो गई और इट-सिदि में पड़ी भारी कार मन पगारमा वादिए । पात पाने मन में waithe पपासाप । मतएको सप को लोग गना चाहते पाय से की माती है। प्रतएव कोई काम गरी गग प्रयन्त सावधानी रन की पावरपाया है। मन की शान्ति और स्पिरता प्रबोसा । मिा सोमो रहना चाहिए कि कहीं बोला तो पानी गा। मन सम्प भार स्पिर नही रखता-मर पर मा भने मापेक विवार को सुसमा पारी पागामी से नितारा मन सस की पोस कर बार पोरामा परिप व इमपात पर प्यान देने रहना बिमा-मापन में निमा तारार हिए पाना हमारे रिभरमारे सिमाम्त- कामों में कमी सफलता नही प्राप्त म सकता। । प्रतिसपा पमुख और बा प्रतिसता या धनु- भारताबोपनिया-प्रप्यान-akini मता कितनी बाप्रपिापा कमा लिन बार में लिए प्यान, पारा और समापिया Hin समामतामो-जो पररपर रिमाल - पोरांना पारिए । मानसिक शानिपो में पारामा चाहिए। सत्पपलको गभीर-पिपार-पूर्वक काम मा होमिए गियर सभा नाम पादिए । बमे अपनी पापनाशक्ति पर अधिकार रामरामे पगा। समरभूमि प्रमो से ti चारिप से सापे रणमा भरिए। तर की पर प्रपने मनपरेतर महापि "पुर मिरियान पर पामगा। 7 मिपि कर्म का मक मामिमी पर ऐपमा चाहिए किम ज्ञान-शि में समा गया! तो विजफ-प्राशिका मा . मनाही वो भार पदिती भी सोपा मी शरिए पर पिादियारा नाममा बसी पो बोली। पासी बात को परिदम हा सी पप्पामति का प्रभाव पाकिसे भून येत मासिनी मसाजामते-दमें प्रयोग पर शानिमा मोर मामिल राति मातम माइमारी इस माया पक मा गोपिना मोसोग मनन की मात्र के पापे कहे बिए पपया सामान पंग मरिमार मन शान्ती) मारे गीते। मानसीमा मे में पाप नाttinी समितिमा प्र भारिन मन भR पोल गरे । रममा मरिस्क परइम गतसा आपसा तारा माम लाम में Aartime अपना भारतीय riti मप मा भरिपा नियमामा धित मालामाल