पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३२९

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२०० सरस्थती।. [मग कार्य-क्रम । मर से बिना मि श्रीमान् पामराम + भीमार पाया ही १२ पाममा मा में पारे। महारा और मिमन्त्रित सगर, मिमित मार्ग में, और गाई भाव भानर में समामी तारीगो में समय काग्री-मरेश रामनगर के रास-मासार में पतm वित पाय माया । सर्वसाधारण अंग होम मसाब. मोर में सम्मिलित हुए। पनि से श्रीमान् कामागत किया। श्रीमान् उपासन पर ५ फरवरी से ८ फरवरी तक विरामने ही दारिमी और रवित गरे मरेश भार बाई पोर शाम, विदार, पुन-पास, पम्यासार, पमरामपुर, का न्योरा । इमानि इत्यादि के माग सपा मिग्र मापर, मारामा सम्स रीका पदमा ससा . दरममा भीमार मारपीपी, पाय मुम्बाजाम, र भोलेपन के लिए, सब स्मरण स्यामा सर्वाधिकारी, सर गुरुदास पैनी, सा पली, सरदार. सी अबसर पा र मर्व-सापारवण-पमान ARON मीतसिंह इत्यादि पावन अपने प्ररने पासन पर पैठ गये। प र पापांच पर मरेश, एक माप in सरप पाये संमत हिगामेन की कम्पा-मामा में निप भार, पुवर्षमप सिंहासों पर दिरात की गतिमानों में सरस्वती की प्रार्थना परफे माजगार की मनोहर मगर मुमपम भार मिड- RR. विवादिम पमान् रिम-विपपिचापब-ममिति समा. बोता तया पर्शक मुग्पो जाते थे। पापा , पति, परमजा-महाराज, में समिति की ओर से प्रोमान् मापीर मसाकिया । पम्प मापनीय dिrt पारिक महोदय को भमिनमन-पत्र पर मनाया सा सर पेरा-मन्दि से प्रसार मगमम् स य विध गुलाम मैगी मे एर मुम्बर पादरी की पाक में बने हुप समाप्त किया। सदी गिमास के मौतर, अभिगमन-पत्र सममानस मौसम में ori को मार समपर किया । भीमा मे सार्प र मोसमा संग निकालेज, मसी, मामी से सादर माण किया । पित्र दामोदर पपना इस प्रकार है- प्पास्या पा। उसे मुन का परिपत मारामा ५ फ़रवरी। शित हो गई । उसके पार श्रीमान् मासम से मीरे गतरे पौर मध्यपी परमाबग्सने रेशिए पारे । बस रोग प्रासापाला रसाने की विधि मुममाते हुए पापले सम्पादन श्रीम भीमान मारापीडामर-- ममप पेदी पर श्रीमान् के साप परमा-परेरा, मामीप मानवीवी, र अमावा, भगामदास धीर मारम्धिनी रमेश एकीपरिष प्रीमियर प पोरेशा सार। भीर ()पश्रिमामानी nिtraTRI का पर रोवण ती गीत मामारमा पारम्म म्परे पर किरा । भीमार पुनःणमल पा पिते नमागी की मारपसा ... पगिमा परमो पार किया। इस रमन (२) मिस्य मा. एप. रिया ! मारावीपर में भीमा पापमोहिम्ममा मामा -मन -माप्ति " मोर मुमा रायों में पम्पबार रिपा । मरपुरा मारा। मागप जापानीमा पापमो मार पाया। सगपा-समय। समन्या श्रीमान् शाम मे -गमुराप, मामीप (1) RTI माई - माता er सर मातील कप मि.पि बिराम। ममिना । कोपनि में मसगरिरा। (३) गाव गामम्मगार यात्रा