पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३३३

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२०२ संस्मती। [माग भाषी और १० मीना) पगार भूमि मी काशीनरेश दिन कम से कम पर पायाय दिली fran दीदी गई है। प्राय म दिपा मारोगों को गारसरमा प्रवन्ध-सम्बन्धिनी सामान्य त्रटियाँ। इस गा में या दिरामा मात्र मणि Hank इस महोसव में प्रबाप-समधिनी कप टिपा मी र पार गर्मी मेपासम सिमीर पा मम लोप इस बार मरेना रचित मान पाता सही । मोरी वा रिसानी में कि भागे ऐसे एसी पर प्रसपा मप विशेष महिंताप राम माया में सां नि । वाम रम। रिमलामेजर और ये मा . मि के बीपपूर्य-भावान् मेरमामने, सोपे विधालय मापारी की भोर में निमग्नापन क ममय में नहीं दिया तो मूर्म-भगवा " पर पिताय किये गये थे। पान फरवरी समयाही मुग्प हो गये थे, या न मागा . बहुत मोगरे पास मणा में अपराधिकार शिष्ट रनको पाने ही में पुप में हितगदिमाया। नहीं पहुंचे। इसपे कितने ही पान, प्रयह इमारने पर प . भी, काशी कथा मरे। कितने ही काशी पहुंचने पर भी रिर म पा सके। पर स कि प्रदेशाधिकार-रत विविध विषय। । कसेपुर साप, बनारम भार मुपरिटेर पुसिम, बनारम की ५-संयुफ प्रान्त में शिक्षा-प्रपार। .. अमुमति पिपे जाते थे।इम बटुव गापा देश । तथापि मामारी की और से निमन्त्रित महारायोको मुखमा AMITAम प्रागिरीमान की। पांच मानी गरिए पी कि मामी गाने पर रिस मिलेगा। प्रमाणित गई। समारोह ऐसा दोने में बहुत मोगर से पन शात। पर गर्म मेरी पर (6)-महोभव माप को सूर्य भगवान् मी भागमा भी प्रमाणित कराया सरोगे, इस पर मनपरे पिता का ध्यान पर मसाय - ही गया था। तिस पर भी मदप पारो चोर पक सामवापा मेसमें kिrit गया। मगोपोर तो मोरे मारे पापारी भी मख्या में मार मिति ! कोम. मत भी, परम्व दुष-मोपासपोर एगरीमप में गिरी पर प्रभारीपारा पापापानी पानीठास गरीर में समान मपाए।मो मूर्षित भी हो गये। यही नहीं, पर पी मगर ! जीत पुस्प मी मति प मिलकार पान पारि सतोपलादीबी एमोककर विपिरो तथा पुषिसपासकर मईई पागा मां और पास गिरोदन र पम्पनीसम में प.. रियो में प्रतिकार गोमोल पापा सपोनि की। अधिक रिपोलीवर FI (७) पिवमे परि गो में ही पापी मासूम दिन या पाम भारपस मेरो र मेरो बहिसमाने पर AART मिए पार पार पाना मी गनी पी मरणमामानी माnिkfirty (1) में समय में हानि गत बार पारों ने मिति मे महानुभारीR Nitinमामा से मार देगा loratो सकते। इन प्र तिtri" TALKLAILS