पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सरस्पटी। ' [माग मामग्री मिन सीमारनदी जनता इतिहास बना रेशाती ।पही पानमुप मुष्प रानी पास पारामा सम्पन की म्यागामियो सान धार्मिकता कोरपनाई। और पीर गैरस, मन से हमारी पर-पिदि र दोगी। में भारत के प्राचीन पी पर परमे पापा -मापार इनिहार की प्रत्येक बात की औररनी शरिप। तम्मे भार भी पाया की कापियामnिtam भगमे दम पपेट माम रम सगे। प्रमाप्रामामि दिया मार मारपपापन सपा मम मारत- भपि पारोमनि पासी मे बामिन को भारत भनीत गारमा जान सम्पादन म मनुस्य की मन और जीवन-ममग्निमी परमान लिए अपने प्रार्थन इतितस पप्पपन परिभमकतामापा मगधिता में, गजों में ' आमा चाहिए। दरों में, ममनिता चौर माल मेंपामि । संयुक्त प्रान्त का ऐतिहासिक महत्य। पो में भी इतिराम भरा मामीर जम्मा int विषय में हिना-"प पाती int गाजिम पारपान म गोप माग्मी मिमिले किसी भूमि पनि म Rarati में मार मार रेल प्रास्ता ऐतिहाफि मान भी पोन ऐतिमासिक मे समापनही साप पग में दिनमापा । पापनेसा- चाहिए किया एमि भी इस पेशित ऐतिमिसापप्परमबिए पी पात रगी। भपिकापुन्। पोरे इतिहास की रपमा यही हुई। शिजी ने इमी प्रारत में--पारस में-पापो से मुनि ४-संयुख प्राप्त में इतिहास प्रेमियों के काले । पारे । बिमामी भूमि पर-मथुरा में काम पाम्प काम। मार पाय निशापितु भावान् रामरममा में, पार माह में प्रमे पाRARAM मी मामत में मनाप्पा मैं) मम मियाापरतायुग की अपीपीm- गवत पुरा गुग समिएमा इमियापुर समिति का मnिim रकी रपट पा! मय मोपनी कामम-पाय प्रामा गम्पतिमी बिमा काममा Tia) धीर भरिपात्र (framail) पुरसमापनमा पाहावामु मानणा पौरापिष्वासो पराएकापणे, ममत को मार लिए निगरगिट प्रमाप मुमिए । तर सो बमीना tari को मारनभइतिहास का मूर्तिमा मपित म गिरना भी Retirifi htria nा मास्न ALE नि. प्रपर में, गांव में, Anth सम्म पाए मार. मान-पारतत. शिवा! सत्र मीमीmont Ratोतिएमाबापगामी में. पाने अपनापनपर मातिाप साप मारा hि fuinthinोग rit महामारी रीमेक पाना नाhि गुममा गाभानी नीतिगामा मामि पीपमा HIRE RATASTERameram R. मासिकात मारला imi Artin कोरिएमा गर-गुमरा लाaamireenter बीमपर्मरे मानतात मर मारा Ramaina