पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३५०

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wwwwwwwwwwwwwwwww मनोरंजन पुस्तकमाला __ अर्थात् . उत्तम उत्तम सो हिन्दी पुस्तकों का संग्रह। श्रव तक ये पुस्तकें छप चुकी हैं- (१) भादर्शजीवन (५) भादर्श हिन्दू २ माग (२) भारमोहार १६) , , ३ भाग (३) गुरु गोधिदसिंह (७) राणा जंगबहादुर (४) भादर्श हिन्दू १ भाग (८) भीष्मपितामह-शीघ्रही प्रकाशित होगी। प्रत्येक पुरतक का मूल्य १) है पर पूरी ग्रंथमाला के स्थायी ग्राहकों से 1) लिया जाता है । डाकव्यय अलग है। विवरण पत्र मंगा देखिए।। मंत्री-नागरीप्रचारिणी सभा, बनारस सिटी।। Arpannnnnnyonnnnnnnnnnyo ARRIERREN E RRIERRRRREE:RATHMMARCarel|RANS बनारस के प्रसिद्ध डाक्टर गणेशप्रसाद भार्गव का बनाया हुभा बम पड़ी पाठक) गक मासूब ४ नमक सुलमाना मासूम सार) मालेमानी दाम का ही यह नमक सुलेमानो पाचन शक्ति को बढ़ाता है और उसके सब विकारों को नाश कर देता है। इसके सेवन से भूख बढ़ती है और मोसन प्रमची तरह से पचता है, मया पीर साफ खून ". मामूठ से अधिक पैदा होता है, जिससे पळ पाता है। यह ममक सुलेमामी, हेमा, पदहजमी, पेट का अफार, सट्टी या धुएँ पी सकारों का मामा, पेट का दर्द, पेचिश मादी का दर्द, बयासीर, कल, भूख की कमी में तुरंत अपमा गुण दिमाता है, पासी-दमा, गठिया, पीर अधिक पेशाव पाने के लिये भी पड़ा गुणदायक है। इसके लगातार सेपन से त्रियों के मासिक के सम यिकार दूर हो जाते ही- पिन या मिड के काटे हुए या जहाँ कहीं सूसम हो या फोड़ा उठता हो तो इस ममक पुसमानी के मळ देमे से तकलीफ तुरंत माती रहती है। अंत्र १९१६ जिस में दषा की पूरी सूची है सब माने पर भेजी माती है। सुरती का तेल-पाम फी शीशी महसूल सक। पह तेल हर किस्म के दर्द, गठिया, पायु पीर सरदी के विकार पार सूसन, फालिस, सपा, पोट, मोध, पगैराकी सकसीफ़ को फोरम रफ़ा करता है। मशंसापम पार .दयामों की सूची, पत्र प्राने पर मेमी जाती है। 4 मिरमे का पता-आनिहालसिंह भार्गप मैनेसर कारताना नमक सुलेमामी गायपाट, बनारस सिटी। EHHREMIERMIRRRRANTERARRERTREARRRRRARPAanemain RECERRRRRRRATRAINIRMATERatnakara