पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३८०

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- संच्या ] कार्ट प्रा पाई। २१७ प्रम फुछ वाधक भी हो, परन्तु पर चलाने में तो तुमा है, ऐसी समा में सम्मिलित क्षेने से पास लेमक काई मी माया नहीं देखता । कोर्ट में म्यूना- लाम पांच सकता है। पहले किसी लेप में लिया धिक २०० रियासतें इंगिी । यदि २.० मतियाँ · गया है कि अप रियासत एक नियत सीमा तक, मनमें पिक जाना निश्चित हो जाय तो हिन्दी के प्रमाण हो जाती है तब सरकार को अधिकार है कि एफ पप का चलाना कठिन नहीं । मुना जाता है कि रियासत को, मालिक की इच्छा म रहते भी, कोर्ट के जिसे प्रतापगढ़ (भयप) में राजा रामपालसिंह का प्राध में ये दे । परन्तु ऐसा करने के पहले सरकार स्थापित किया हुमा एक प्रेस प्रघावधि कोर्ट के पाध्य है कि यह जमादार को एक मोटिस दे कि पास मौजूद है। उससे निक दिम्दुस्ताम पार क्यों न उसकी रियासत फोर्ट कर ली आय ! उसी सम्राट मामक पर निकल भी चुके हैं। यदि यह स्थल पर यह भी लिया गया है कि यदि जमादार सच है तो प्रेस की सभी सामग्री प्रब तक मसूद अग्रस्त ६ जामे का कोई उचित कारण पत्ता होगी । इस दशा में पत्र व घसाना पार भी सुगम देता है और मयिप्यत् में प्रण युका देने का दोगा। कोर्ट का प्रेस है ही। पत्र के २०. प्राइक वचन देता है तो सरकार से अपने पचन के मिळ दी जायेंगे । रही सम्पादक की बात, सो अब प्रतिपालन का प्रायः अयसर देती है। ऐसे जमीं.' तक येतनभोगी सम्पादक न समा जा सके सम दार यादे मैनेजरों के निरीक्षण में कार्य करने के तक कोई मनेजर ही इस काम को कर सकता है। लिए पाध्य किये जायें तो ग्न पर कुछ दवाय पमें पेसा फरना कदाचित् नियमधिरुर मी न हो। और कदाचित् उनकी दशा भी कुछ संभल जाय । फ्योंकि अहाँ सिस्टिक बोर के पत्र जारी किये गये परातु मनेजरी को बजट बना देने पार परा- है यहां कोई रिष्टी कळेकर या तहसीलदार ही मर्दा देने ही का अधिकार मिलना चाहिए। प्रथया सम्पादक कर दिया गया है। उदाहरण के लिए हम उनके वमट पार परामर्श को न मानने पर, इस पदामिनीट का माम लेते है। यदि सरकारी पात की सूचना सरकार को कर देगे का अधिकार अफ़सरों के सम्पादमस्य में पत्र निकाले माते हैं तो देना पादिप । इससे अधिक अधिकार देने से कोर्ट के ममेमर के सम्पादक होने में कोई भापत्ति रियामत को, जिसकी भटा लिए यह सब किया नहीं दिखाई देती। साता है, अपनी उपति करने का प्रयसरीम सूचमा (२) पूर्योत समा या कमिटी का पार्टी मिलेगा। दूसरे, यह भी सम्मायना है कि मैनेजर की पर, यिष फरफे उन पार्टी पर जो प्रमाघ का मेकनियती के दूषित पार उलर अर्थ सगाये काम सीख रहे है, पया असर पड़ेगा, यह पहली मायें या मनजर दी. पिना कारग रियासत पर, सूचना में ही पिला दिया गया है। प्रकृति का अपने साम के लिए, प्रेजा पाय दालमे लगे। इसी निपम है कि जैसी सासि में मनुष्य पैठता है से मैनेजरों को सिर्फ इतना ही अधिकार मिलना पैसा हो भी जाता है। यदि पार्टी को अपने चाहिए । मे पाग्यतर पार्टी को देखने पार उनसे मिलने मूमना । पार ५कोर्ट की नौकरी तीन . का पयसर प्राप्त होगा ता, माशा है, उमका मागो में यिमया है।(१) मैनेजर पार पमिस्टेंट । प्यान कुछ म कुछ अपनी उन्नति की पोर प्रयत्य मनभर (२) अमला पसल (३) मदर दसरातीमों । पाकर दोगा। प्राण मांदारों को, सपा उनको प्रकार के मुलाजिमों के नियत दाने के नियम भित्र । जिनका प्रबन्ध अन्य थियो में शुटिपूर्व सिर भिन्न है । मैनेजर पर मिस्टेंट मैनेजर प्रय कंपल, ..