पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४३४

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__संपा] . अस्कुरंपट के मदिर। ................................ (Laurek), कम्योज का पुराना गदा पटलंग (IFAL का घिनित्र मन्दिर है। यह साकी दसयों मातापी Triling) का मन्दिर तथा इन्द्रका मयन प्रादि के लगभग पना मान्दम दाता है। यह इमारत पढ़त मिलते हैं। फिर कम्पौग- ट्रिक (Kamjong- उत्तरते चबूतरो पर बनी हुई है। इसमें पहले ५१शिरार Trolac) मिलता है, जो एक साल में स्थित है। पे, पार प्रत्येक शिखर पर प्राशी के धार मुराद इसके पार कम्पोग-प्लेग (iomrung-Cinmny) हुए थे। मभ्य में, पाठ शिस पीच, एक सासे पार अन्त में नोक-ट्रो (Site-Trou), पर्याद माला ऊँचा शिधर है, जिसके गिर्द गोल प्रदक्षिणा है। का गर, मिलता। मन्दिर संपागे निकली , पर उस प्रदक्षिा में मीदों में स्टीमर कमी किमारं किमार घलता मिरी दुई, हर तरफ, पफ पफ शागा है. जिस पर ६ पार कभी बीच में पा शाता है। मीलों के बीच दोदोशियर । मन्दिर में जाने के लिए दरवाजे जाते समय ऐसा मालूम पड़ता है मानो समुद्र में है। पहली मंजिल के इर्द गिर्द स्तम्मों का राई, जा रहे हैं। दलिम की पार कामम {Cortr जिन पर खुदाई का वडिया काम है। पूर्यकाल में, limmer) पर्वत के गगन भेदी शिस्बर दिखाई देते है। एक से एक पढ़ते हुए ५१ शिगरी पासे इस मन्दिर भीमपनद से धान्ट कर १८ पप्पे याद सीमर सीमरीप काहपय निम्मद पड़ा ही प्रमुतगा। पर- (sium-teart) मदी की बादी में सार राल देता तरी पर पार चाफो भीतर अनेक प्रकार की है। उसके समीप दीपक पाटादी ६, जिस पर मीम- पनस्पतियो पुस ६.दीपारों पार पालामो पर सम (IPHHIKrou) का मन्दिर है। दरियाली का पर्दा पहा प्रामपी में पिताल सीम-रीप माम का ३४ हजार की बस्ती का वृक्ष उग प्राय है। कहीं मबस सतायें सिगर फार • एक मुन्दर का भी मदी-तट पर। उसके उसर, कर निकट पड़ी ६ पार कहाँ सम् अकडेपही। कुछ दूर पर, प्राचीन रामराज्य की पिशाल यज- इस प्रकार पिएसजाने के कारण हमारे पूज्यपाद पानी प्रहार के मंदार विधमान मामीम में प्रमाजी मार दी तो सत ६, काही मुंपनाने मारवट को एक सड़क जाती है. जिम करनं ६धार काही अपने शान्त प में पिगम हैं। मन्दिर में पष्टे गत है। प्रपार की पुगनी इमाग्ने पार पन के मन का यह प्रद्धितीय हरप देने पामे पारधाम (Anglor-Tin-प्रपुर-स्तम्भ। केचित पर पमिट प्रमाप पैदा करता। रामपानी की सीमा के भीतर तथा उसके पास पापान के सामने एक पाना। उम पाम यिपमान यह महा मगरी सीम-प में कार द गिर्द कर यादगार दाहिनी पर १० निगर पार माल गार की। इसके गिर्द पार राई पाले प्राइ-पिपु ( Pnth inh.-पगा।)ी मीटरम्पी फसल है. जिसके मामने धादी मादक दीपार मार एक पतग गली महारे है। पांच पड़े परपास में मगर में प्रपेश दाता है, पनाद, शिगी दीवारों पर पाक अलग दिनके सिर पर पृदयावर मूर्तियो दी । पुराणो परकर पिमानावर (Pinuteka..- नगर की दीपारी के भीतर सपा मार भी पनी बेली पिमान-ग्राकार) की गायतुम परन्दामात । पार पनपनियो का पार माममग ret। उसकेर गईगार मान्दाममारत सवारि गन्दी-यों का पता हग गण है। कहीं कहीं की प्रत्येक प्रदणि पार गिरियो रा पहा गुन्दर रासपी के होश भी पिचमाम ६ की पारी पार पागोन (Inor) पर ग्राम बीयाँ पीय पान (ILyon) की पिनास मातम मरने में भी