पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

संक्या ४] पुस्तक परिचय । २८७ मिलाने के लिए अमेत्र में नियुक्त। या पुमक किसानों इसका पता और प्रमाण पुल में नही पाई पार कोदती का प्रम मिसाने मिएम सिपी गई, 'कि कागा पप्प। संतीकाम का पर्णन वैज्ञानिक रीति से पनेरे लिए मिनी गोनपापि इसमें किसानों के साम के लिए १३ हघुसारसंग्रहः । श-सम्पा २, मकाराक प्रक्रिया-विपत पावें भी मैमो भागई है। बनस्पति, मीयुत शिवराय, सुपरिर, सीताराम पिसाबा, कामाची, भूमि, हपि रे ग्रीनार, भामोहवा, कपि को हानि पहुंचाने पनारस सिरी । इसके भारम्म में गाना, पेशाम्त, माने मे, पय-चिकित्सा, कृपि की नई रीतिर्मानन पातो पनिपर मादि का सार-संग्रह है। रचना सामी चिदम्परा- केमिया इममें स्मारहारिक हपि का मी बर्थन है। अन्त में मम् सरस्वती की मार मेहत में है। सके नीचे . अपर पि सम्बन्धिनी मारतें FI मापा सीपी संहारपोका भम्पा पार रिम्पी में मूध का मामा सारी सपके समझने योग्य बामपुरपि कासेन मीमो में वेदान्त भी पा मग से हो गई में मी प्रधिकीय शिक्षा हिन्दी में जाती है। भाशा मारसमा भागे . सरपरलोक में गतान पा माराप की पुरक इसमें पाय पुमक र दीरतोत्र का माग भी दिम्दी में है।विध सरम है। माएगी। इसके मागे, पुस्कान्त में, ममन भादिनमै हाम, पराम्प और भक्ति की पाते हैं। पुम्फ पर मुस्प नारी निए। १५-विश्वमियाप्रचारिका प्रन्यमाला । इस मामा की रो पुरा में प्राप्त हुई है। पानी का नाम है-माद- १५-तेजीमन्दीप्रकाश । भार पड़ा, इ-मेया स्नेह । इसका भाकार योग, प्रप-संख्या १६ और मूल्य १., मुस्प । माने, सम्पादक, पणित प्रसाद रामा, | पाना है। इस सम्पाप पणित राममस्म । पोतिषशाय-बापानप, रेवाड़ी-से प्राप्य । इसमें सरमा, । इसमें मातमी पर कसा सा मिया, जिसमें मरतमी मममी.ई. गेहूँ, पी, तेस, ममाय भारिदी तेसो मन्दी मात्म्मेर और साथ-साग भारिपार्शनासरी ता मुभिष-दुर्मिप की मुखमा । ज्योतिपमम्मों के | पुम्सका नाम-प्राचीन सभ्यता की झलकाका प्रमाण भी सिय रिय गापामा गहता भार मता भीमासमा माय पाने पालिका मीरनाम सपकानों का सम्बन्ध संवर इस मी सम्मान पूर्वक मोहीसमें पुर पर 02 मे है। मालूम हो, पाणी-मम्मी की भविष्य सामी पिकान पर एक एक पेट मे इस मिया वाणीताविषमीप । से पर कविता पापप्रमुपार"मामा एक भार

बेल मारो। पुरे मिरने का पता-वि १५ कुसुमकुमारा । सपक पाटा पगाराणात

विधाप्रपा महामास, पम्दीमी। गोसामी, of सांची, र-मच्या 1, सपिय माप पपपा । मितपता--प्रीमुन स, पदावर (मथुरा)। १२---प्रीमिनद सरिका संक्षिप्त परित । पार पगित रिणेरीगमजी गोस्वामी बिपी मसिर पम्पाम- मम्मारासपा ११, मूव ३ पाने, अंग-सारिसमा म मिमि बोगसम्याप मिी मार, रेखा से प्राप्य । पिम्मान पतादी में मारा गोवामीनी मेम म्यागी एमपी में बिगाच एरिनाम एम विवाद की गपे ही परमा के पार पर सियाबीच बीच में सपा- का सपित पचास पोयसी पुरातात में इन सभी मा मियाद परिपैर पारम्भ पशी मागणी अनेक मनुपातिग पाती पर मिरिका में मारनामादिख मे पुए र पाप रवि मी पर्व से ये सब प्रम, पनपनिमिm मामा पासिए मेसीन लिए गुम- मार्ग, मालूम हैं और ये गा तर म ६ कुमारी विनोदी कीरामनाममा