पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४९४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

संख्या ५] लाला यलदेयदासजी कपि । ९० - - - - - घ परोपकार-मूलक धर्म के प्रचार से अगत् शान्ति भवानी परमजीवी सिपा। ग्मी में पति पता मपित साम करेगा। रित भेमा मामाजी मे समीपप्रकी मकर मारे रामावतार शर्मा पास जो की यों भेगदी।पीचे दी जाती- "प्रियपर मुग्गी मानीवामी श्रीपाप- n. मेक अपरामजी सोहत हो। मासा पन मिपा देने लाला घलदेवदासजी कवि ।। में सिम्प हुमा । कारस पापा कि मैं पार मगगनामसंड, कपिवानों को पद समम शिपिय राज्य करारी, जिला मुमतामपुर, सी एन पुकार GS शनि की प्राप्ति पात कापरकी में मगन पा ।पमा सिएगा। मेरी जीपनी धार से मांगी। रणपराधितो व अपने ही मुए पपना पत्तास ते मुझे स माती है। HOMविशति का वीज मेरी पर पवि भापका पिए पापापनिता हूँ। सम्म मेरे । अप्ठी शिक्षा " निराकाराना बानापुर, से एक माप पिए धारे मिर्म, परम मित्र. पिता ही परस्य दी प्रहरी पटवारा माम 7 एक गांव मटा सिप. ती। जिनमें विणाम मा विशाम ग्रंश है । पद कारों की समी। पापा-गोरा मा. भर गिरमी सामायिक कपिपी की पारी रामपाय के गमप में गुमान से एक काय.पागल मीर सकते । बित्तिा पम पर की गई पिता मेन इमर) पहां पापे । ना मामाप मनोरणावया। ये सो सापाचा विशेष मोरधान होना पारक पासे दाम्पत्रम में फिर माम पामयी माशा गर्म ससेपि शिपा ही मिलती है। प्ररत कपियों की भार पा से मोने कंपा गांव पसापा पार ही पापी में जी रसधार जो मपुरता होती रह रहने मागे । एमी की परवी पीढ़ी में मुमममम माम पने यि की पाली में नीती। शिन विधी मुपदेप नाम के ए मारमन्त सान पैदा हुए। उनका का परिचय देन सिएम पर सप पर मिरा र मापाण हमारे पम्प माप से सिमिाया। मॉम पचपि अपित मितिमी प्राप्ती पापिनी पम्प पूर.पी.दयो f it, भाई और पुल समितवा का विवा ग रेश सरकार को मारी पाते । पर, मुखत्री राम में एक गागानीगाहा के धीयुत जग. बास्पषम्पानी भगमन पर तीन में मसराने नाप ममवारे में हमारे पामो साप्रो मं सी मने। पिता माने पर रीमा में रोर से के पापार पर हमने पाय शिवानीगा में बगे। पर, मा प्रस्किार समपर पानी में सापिपी पिपामय नाम को पानामा भवानी- पात होना पारी में होगामित्र पष नाम एक मगाम सप्रथम अभ्यार मामा पर पुष्पक सिपाहि पारा तामम परिपाले सीमें, गारपास हूँ। मेगम सम् १० में पापिन या गुगलमा पर भाम वापि ब स पर पा । मन् 111 में मेरे माता-पिता मुझे, में गं मई पापाबा भवानचायनये भावी ता परि. भार एक सामान पर गांव में मान। पिEITRA पर मिमने पाय साप गर्ने "मेरे विमा शिर मार को पाने । का सामान्य मा करितादी पिता और संवत् 112ी पपा माम में मुमो भाई गरेप्रम्य गुणों पर मुपदारनामा करिती में n inी मेरी माता पदमाग मामा की कि पाप अपना मारत जीवरित सिंग मंसिने पाग। मेरा नमसमप दोहए। पितरी मामा माम मोपी मप पितामीमा भाNE OF मी मार पाहामा मागपुर गुहा मामा न गमा।