पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४९६

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संख्या ५] छाला पलदेवदासजी कपि । २१९ समय पार पाए पम्पिप्रसाद, लिपरी इलपेस्टर, पाये। रामापप रामसागर। 15 पिनप-पिताला रमाने मी मुम एक समस्या दी। इससी भी मैने सिकर मारतकल्पगुम । स्पे-वालीसा। दीइस पर मॉने बड़ी प्रसपना प्रकट की। वर्ण-रामापण । २. गणेशरत्तीसी । ___" मैं रामापुर के मदरम में पढ़ता था वर पार्पिक विष्णुपदी रामापय । समगीशतक। परीपाने के लिए क्यों में इम्स्पेक्टर, रामा मसार, भनुमपामापा । २५ गप-पामा । सितारेविय, पो पापे । मेरा दाब सुन फर दॉमे मी नुमत्-दाह। २१ सोमवगी-मााम्प। एक समस्या दी और मैंने एमडी सिंतब मेरी बनाई •नुमान्मारिका। "प्पामगी । पौर और पुस्तके मी गाने मंगा र रेग्मी । वे बड़े ८ बयानपीसा । २१ कान्दगी प्रसाए । मुझे १५) इनाम देकर पिटरी इम्पेर, कामी, दारीचा, मपम माग । २१ मन-मानी । की मारपस ये मुझे पुषा गपे। १. निन्द्रिग। २०श्यामाप्सतार। "प्रेस महीने में में काशी गमा । रामा निमारने "कृप्यपत्रिका २८श्यामारामार । अपने मित्रों से मेरी चर्च पामे दी से कर दी थी। बना. १९पचाप्ता । २६ देवरा समिसे पिटीपेस्टर मार राम, बार मिपमाप. ५ मेपनाय का यीसा । .. गुपार । पहा पराया गया रामा सामिग्र भार काशीनरेश ४ गुम्मादारम्य ।। संपरपरित्र (म्पोनिप) सभासद् महावामी व गुम से मिले। निॉने मुझे १५ मामपरीपा। देवपोय । समस्या और मैनाती पनि दान काशी. मनुमसराय। जानप्रभार। मरेश से मेरा सिरिया । परोन मारतेन्दु पारिपन्न 1. नामहरिनगरा गामस्नार। ' मी मुझे देपन प्रापे। इन्होंने मुझे । समम्पाये । प्रत्येक "इनमें ऐसे पिपिदित पुस्तकें प्रकाशित हो की पूतिसिए नन्होंने मुझे पचिपचिम्पपेकदा । की । ऐप से पोपी , गमनगामुसीराने में पति मन शीम दी र दी । बरसादप मुझ पर पो ममन धौर कप पगम (रिपामा गा) यार साप पहा हुए और मुझे पपने पहन पनुसार इमाम दिपा 10 पीपप मेरे पाय भादुपारा क्षिपने परिश्रम में सप समस्याओं की पति पछि पwि मामा मेरी पुन्हा कायए मन सभी ताम्पिी प्रकार को नहीं मे यर पुमा पम्पई से परिममाए भागीरप द्वारा मैगा । पिमा एक प्रति पास , पुक पर मेन गो मानित दुई। माने पर स्नाधार यहुत मी मात । पर मिन. पर रिम काशी में धनम्ता राजा शिव रमप में गर्ने, मत रिसमा पादता । एभम् । प्रसार में गुमे पनगम के नाम एस में भरसी हरा दिया । भारमा प्रदेशाम पा ममी पगारदा ाइमा रामा मात्र (दवा)" मेगा से मेरा मान रामुमेकाशीमरेरा की ममा विपिप में पापरामरामारी माय समामा निपत पर दिपा । प समय त रामनगर में रह मिगा: मी परत ममामि। मुन्ना पिता हर में पत में मापापा । से, प्रान् मन् माग गदी। नदीमी गाना से मर ५४४ सम्मानसपी मय समय पर होगा। पार पाने पर में भगाभा में सापर माता पा । महाराय कासनिरंग, भीमरीचम- अपना प्रापा मारा ममप पानी बगे। कमिमी पर साइनापमिद गवामपनन्तर में जाना पोगोभीपा भगानी नाम पहरिया। रहस-पार न पापी-मारी। रंग में मारे "प्रपा पार पसरमियर प्रम्प मार मामले परनुमांग पर पाप दिमाम मी रेता- पानी पाने में पाम तापामगाती