पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५१८

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बड़े दिन की यात्रा। दी रङ्ग में दिखाती थी। प्रम पाप धीचरण के घटाघरों में टन टन ने लगा। इन समपनियों प्रसाद से मुझे जिस विमल प्रकाश की प्राप्ति के मिलाने से जो मदापनि उसके माद से पह दूसरी चीजों के ए-रुप को प्रकाशित कर समस्त प्राकाश गंज स्टा । सय सेोग चौक पर देता।" जग पडे। यद क्या? पदम्पनि कासेपारा __"मुशीले,मैं तुम्हारे इस माय-परियर्सन पर हर्ष ही सोचने से पात पान में भा गई । सेोग समझ प्रकाश करता है।" गये कि ये सप मये वर्ष के सरंस है। तम ये दर्प इसी समय एक छोटे से बालक ने ही मीठे से नूतन पर्ष का स्वागत करने लगे। स्पर में मुशीला के कन्धं पर धाप रण कर फरा- हम लोग पहले ही इनन्दा नामफसल-प्रपात "अम्मा।" देखने का निश्चय कर पुकं । तदनुसार शनि- ज्यालास शर्मा। पार को सपेरे ९पसे दियो-माश्रम से निकल पड़े। पाश्रम से तीन दी मीस फारसे पर आमगेमो घड़े दिन की यात्रा। माम फा स्टेशन है । साप में दिन्दी-विद्यालय के मायापक पार पुष दिपार्थो भी धे। स्टेशन पहुंपने र सायों में पके दिम पीर नूतन पर पर मालूम कि इनन्दा साने के लिए गाड़ी का स्योदार बढ़े मदाय का सममा तीन पसे मिटेगी। अभी म्याद दी थे। पार र जाता है। उस दिन सम सरकारी घरे पार रघरमा था । हमारे साधिप में माय पारी में ही रहती है। ऐटी की भूप सता रही थी। स्टेशन के पास दीपक ही प्रायः सभी दुकाने पग्द ही चायपर (Tu Rem) पा दम टोग पहा जा जाती है। मिहनत-मजदूरी करने पाले को भी पहुंचे। पायघर में पफ बड़ी सी मेज रपी पी। पाराम करने का मौका मिल जाता है। ऐसे ऐसे उसके चारों तरफ कुर्सियां लगी थी। दम होग अपसरोपर गर्म प्रधान देशों के लोग पेठे बैठे मामी सन्दी पर जार। पिमाट, कंक पर ऐमनेर मारना रामही समभो । स्पोदार पाने के पदने रडाया। घायघरपाला हमारे जमे भोजन महाँको ही पे उनके मदुपयोग-सम्पन्धी कार्य मम निश्चित पाकर पा रामायापी पर हम गरेशन कर सेते हैं। अपना समय प्रामाद-प्रमोद पे पार निगाहीरातज़ार कर सारंशन मैं पिताते ६.काई अपने (ए-मियों के परमा पर पर भी मारतोयली पुगों की भारी भीड़ पीसी मनारम्जन करते६. धारका ऐतिहासिक स्पानी स्यों करकं सोन । गाड़ी प्राईम संगमपार का रंगगे की प्यासे बाहर पिस परत है। मेटल प्रान्त में भी यह मरमपपई पृम-धाम सोग तीसरे में के मुसाफिर गाड़ी में दो मेममाया जाता है। पास सन् १९. ६पागमन सी धाराए मदानी भी थे। मदरासी सोग रातोसम सेोग अपने अपने विछिने पर प्रक्षेत परस्पर मैगी में गिर पिट कर साउद परेश पम्प पर निस्तम्पनिदा. गुरभंगा पालने पादास मया मामी यो मे गयरे ऊपर पनाममाय मा सगाई। ममी में पत नग मा पमपा पीगतममय, समग परता आगमनपा उस समय तारग में पी माप • पर, सभी कलाएगी में सीरिय जहां सपा- परागसम्पन्धी कार्य- म हाया। पायघरपाक पर ऐमनेर में पिता अपना समय HRS पाकर पा FAT सन र अनारमिलामारमा पार पायाला माग कीयारको ऐनिल पर जा कर पा पार लगानीकरमान महों की साल मानत र नापस पानी स्पा करमालीपुरगामा पर मो भारतीय सीमान्तजार कर मोग स्टेशन HTTाता RITA मदए । गागा भारी पापा सय सोग सन् १९१६ मा टेग तासा मनुष्का से पयागम सोग मार यो में शाम पाने पिटने पर मन के मस पार GE पर अपना प्रमानदा. गुरभंगरी पिट करने माग