पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५२०

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सण्या ५] बड़े दिन की यात्रा। स्टोगों की उचित मासिर-सवानो की। फिर हम लोग हमसे मिलीं मार पाश्रम का दिपाने के लिए प्रारमें इण्डियन प्रापिनियन के सम्पादक, महाशय पेस्ट, के एक मायापक मदाशय को हमारे साथ कर दिया । यहां गये । मापने भी दम लोगो की स्य अभ्यर्थना नेटिघ-विद्यालय-यह पिघालय मिस्टर इये की। महाशय श्याम, महाशय भगा मादि पाश्रम- प्रयामियों से मिल जुस कर हम लोग यहां से की फर्म-पराययता का ममूना है। इसमें अंगरेजी पार जूलू माषा की पढ़ाई होती है । सातये में ग्याना हुए। (Serienily Stanlard) तक सादित्य की शिक्षा ___ यहा से तीन मील की दूरी पर रेयरेट हो का दी जाती है । साथ ही गणित, मृगौग्र, गगोल. भाभम है। हम लोग प्रभ उसे देखने के लिए चल विज्ञान, रसायन प्रादि प्रायश्यक पार उपयोगी विषयी पड़े। राद में हंसत-खेलते पार मजार करते हुए की पढ़ाई भी होती है। विद्यालय की इमारत दो हम लोग जा रदे थे। प्राधम में कुछ दूर जाने पर, मनिसा है। मीथे विद्यालय पार ऊपर पायालय, हमे तीन लड़फेदिमाई दिपेये थे तो एक भारतीय प्रात् विद्यार्थियों के रहने की फोठरियां ।इम घराने के, पर उनका सारा यदन भूरा था । पाल पणी इमारत के पनाने में कई एजार रपया यं एकदम सफेद थे। देखने में ये म यूरोपियन दुया है। विद्यालय मपम में एफ पोर टीना फूल जाम पड़ते थे, न काफ़िर, पार न मारतीय न पार दूसरी पार जान इपे के चित्र स्टकाये गये। विचित्र चेहरयाली का इतिहास जानने के लिए चित्त इन दोनों के बीच में हिन्दी-माता के सपूरा, मादन उत्पष्ठित दुप्रा । एक प्रवासी से पूछने पर मालूम दास फर्मचन्द गान्धी, का चित्र भी भयन फी भीमा दुमा किमकी माता भारतीय पार पिता फिरङ्गी पढ़ा रहा ससे पता लग सकता है कि यहां था । प्रस्तु। के "मेटियो" (अधियाल्सियो) संगों में मदामर रेवरेन्ड डूवे का प्राश्रम । गान्दी के प्रति कितनी धना पार मंमाइम जिस तरए अमेरिका के हतियों की गुलामी की विधालय में एक दिमाग में स्नरी नियकारी. कठिन जन्जीर से छुड़ाने के लिए महात्मा याशिटन टाप-रायटि पार्टी प्रादि फसाये सिगाई का जम्म नपा, रसी तरह प्रफरीफा के दपशि " जाती है। फो रिया, पढ़ाने, उन्हें सम्पता खिपाने पार इनके कन्या-विद्यालयम पन्या-पिघालय की जीयन को उपयोगी पमाने के लिए पादड़ी मान इये मारत पोदी उसम रंग से बनाई गई है। पर का प्रापिर्माप दुपारमॉन पे सरल परति पत्थर की पनी दुई, दाममिला है। विद्यालयमा मादमी ६। भाप मूलू जाति के फाफिर-कुल में विद्यापियो में दी बनाया है। सफनो भाग में पदा पुए हैं। आप "नेरियनेशनल-कांग्रेस" के पढ़ाई दाती है पार ऊपर के माग में विधानियां समापति हैं। इस प्राथम के संस्थापक भी प्रापदी रहती है। यदा भी ऊपर लिगी रागिनेही त्याग ६पाम मोग पदों पहुंचं तप मालूम दुपा वि.' की शिक्षा दी जाती है । परन्द पे पार मान पे पहा मही । माप अपने देश-भाइयों पोल्यो जिन्यास ज्यापी को प्रशिक्षित रग्रगे से में पदीय भायों के प्राकर समाने के लिए पार गरी काई भी देश उन्नति मही र ममा । राष्ट्र के पंग मा पास पे भी ईसाई मतमा ममार पतन पीर उत्थान पर कारपबिया दीपेलिस परमे के लिए पाहर गधे । भीमती पानसे मांच में पाप.पएको रानमोगी।इम रिपा.