पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५३२

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सपया ५] ईश्वर की सप्ता। मासे मिक्षा मा पा । पीपे भौमिक परिपतन होने मे पहा ईश्वर की सत्ता । अहोगा । अमे पासे एशिया से मपटीम महादीप स्था- मागे से मिमा मा गसी माद अमरीस देश मी मिवा पा। PREHEAर की सिदि अनेक प्रकार से की पप पशिपा और अपनी स्ट नार (Suez ई मा सकती है। प्रमाय से माय की Counl) श्रम पशिया र अमरीका के पीप बदिएका उम्पति नहीं होती। तः माय दी मुहाना (Ichring Surait) है। " सादा विद्यमान रहता है। मा कमोमड, एम. ए. 6 पायर की तरह पान-मदित है उससे नोट - इस देश में अनुमान का अंश अपिड और सान कार्य कमी नहीं हो सम्मा। प्रपति के डर प्रमाण का काम है। पढ़ने समय पारस का स्मरण रस। परमाणु पारा पर्डमान पाइययमय ग्रझान्टी सम्पादक रघमा स्ययमेव नहीं हो सकती। क्योंकि सीपन- रहिस पस्तु से जीयन मी मिल सकता धार जो परिताप । पानरहित है यह दूसरोपान भी नहीं सरता। इसी लिए स्वीकार करना परताकि अनादि मास्ट यो पणा पेप प्यान में परमारे, से एक स्ययम्भूजीयनशकि, जिम युद्धिमान लोग व्यापम प्रज्ञान पशा में हम सारे। यर कहत शर निमकी उपासना करते है। शान्ति प्राप्त म सम, निते फिरने मारे मारे, जब हम लोग पिसी नियम-बाप को देगात है फेरी माता पाय ! -सापन सहारे। तय विभ्याम सामि पर कार्य किमी कानपूर्ण गरमा मसार-ममुर मे पति की दुरा गया। मीयनी शक्तियाग किया गया है। इम पासमोर ममीरपुरा वीस गोपाल मान लीजिए कि एफ ऐमा रतीला दोप जिस पर मनुप्यों का नामोनिशान महीं। यदि उसफ मिया कमी पिचार साप पा थपने पाये, रेत पर रंगागणित पवित्रा पर दर्शन होता गे पया ये पिरा-समझे, पाप मापे। उसी समय मामना पड़ेगा कि.पा परम फाई सापागल किया पर्व दो पासर गाये। पुरुप प्रयाएपरिपमान पा । पयोंकि पंगे निमों पानी पानगा में कराएं। की यमायट या घटना से मदीं दी सफती।मान पिम पपिए प समार में ! लीजिए कि मनुष्यों मे रिस पक पार दूसरा मोप मरता देगे या भया पररसर में। है जिसमें एक. सम गल-मामाद पना गरि पद गज-प्रामाद मनुप्पा को पूर्व परम पाली प्रएप परतर भापु, म सा भी मुलाकमाने । परमो मार गिराया। सयं पस्तुणों से परिपूर्मदा तो उसमें रोग पग रिपत्र में मरम मनाने ममभंगे। पदी शिम ए पादमिरो में पनाण पोपत्र नित बरे समय में । ६। क्योंकि हम सपानीपन पपं पान- हम पनि गरे प्रेम को पासमा पादने। हिंग पायर. मादा तयामासार पारा गृह की बनादीमा में पारा एयना म्ययनेय मदों व मातीपी टिप मामना पदा पडेगा जिनपग पिनी नदी माग मी मर. संसाररूपी ग्रह पर मत