पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५८

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. मिटर दादामाई नौरोजी। पाम के साथ पालमिंट के मेम्बर चुने गये । इस प्रसा- भारतवर्ष को लोट प्राये । यह लेपर उस समय पारम विजय पर भारतवर्ष पार पिलायत में पड़ी रन्दन में था। उसे मिस्टर नाराजी के दर्शन तमी 'गुती ममाई गई। पार्लमिंट में पाप ने मारत की हुए थे। पाप का यह सीट पाना अच्छा ही हुमा । मलाई के लिए अनेक उत्तम कार्य किये, जो सश्य उस समय पाप का स्यास्प्प इतना विगहा था कि सम को याद रहेंगे। भाप मे इन्डियन मिथिल लोगों उनके जीने की प्राशा ही छोड़ दी थी। सरपिस की परीक्षा मारत में होने का प्रस्ताय पास उपसंहार । 'करयाया, जो कोई मामूली बात न थी । परन्तु शोक है कि यह प्रस्थीएस हुमा । पार्लोमन्ट में उस समय यह हाल मिसरनारामीफजीयन फाहा धारक मिस्टर केन पार सर विलियम घेररषन के सदृश पन से पृदा प्रयस्था सक पाप ने देश की मैया की। मारत-हितपी समासद थे । उन की सहायता से इससे यद फर कान सेवा कर सकता है। यदि भाप मे पालमिस्टरी कमिटी स्थापित की। सन् १८९५ मिस्टर नारोमी यरिस्टर बनते तो लाया कमाते समी में इस कमिटी के माम्दोलन से भारत के पार सरकापे सेया करते तो हाईकोर्ट की समी या य्यय संशोधन सम्पम्धी कमीशन की नियुक्ति हुई। किसी उय पद पर पहुँचते । पर देश भक्ति पार देशो- उसमें मिस्टर नारोजी तथा अन्य मेम्परों ने प्रथ्वी दार के सामने प्रापने इन सम पातो को तुप्त 'सम्मतियां दी। सन् १८९३ सयो में प्राप फिर समझा। पाप राजर्षि है। प्राप की सादगी अनुफर- मारत कोमटे पार लाहोर-कांग्रेस के सभापति पीय है। प्रय प्राप प्रकले ६ मी, पुष, पुषी को 'धुने गये। उस समय पन्जाधी भाइयों मे मिस्टर मही है। केवल पफ मातिन है, जो पाप की मैया नारोशी के स्वागत में मा उत्साह दिपलाया यह में उपस्थित रहती है। पेडाबरी परीक्षा पाम है। , कमी महा भूल सकता। पाप की गाड़ी खुद ही दादामाई परसोया में. सो धम्यई के निफट है. । पम्यायियों ने पाँधी। कहते हैं, ऐसा माम तय तक जीयम-काल व्यतीत कर रहे हैं। ता० ४ मितम्पर कांग्रेस के किसी प्रेसीडेंट का म हुमा था। प्रस्पात १९१५ को पापकी ०.० यो परंगोट थी। इतने इतिहास-पेठा सर यिलियम इन्टर में उसे शाही यूड हाने पर भी प्राप सम्युरल्स है। जगत् में पया स्वागत कदा था। ग्दा है. इस की प्रगति के लिए पाप ममायार- पाँचवीं विलायत-यात्रा । पत्र रोज़ पढ़ते हैं। प्रतियर्ष काप्रेस को शुमागन्तफ पार उस्मार्ग संदेमं भेजा फरते हैं। पाप फी भात साधार-कांग्रेस के सभापति होने पर पाप लन्दन सरकार पार प्रजा सभी मान । मापसी पर- । पर्म गये पार सन् १९०५ ईसयों में मार्य मेमय गांर पर, पई साट, गवर्नर पार राजा-मदारामा महन्ले की पोर में प्रतिनिधि होने का प्रयास किया। तार भेजते हैं। गत वर्ष बड़े मार मे म्यर्य प्राप पर प्रमाम्पया उदार दल यालो में फूट दी साने से दर्शन मिप धे। पापने "पापों पर अनटिश वीसप उम्मेद्धार घड़ा गया। इस कारण मिस्टर झर इन इन्द्रिया"नामक पुस्मा गाजी में दिमी है. । मारानी के पोट पम भाये पार ये पार्लेमिंट में जो सम के पढ़ने येम्प है। उममें पाप में भारत की प्रदेश म पर सके । इसी समय पवायम्या के दरिदता प्रपण गिर गया। हाल ही में पारय माप का स्वास्थ्य मत पिगड घटा । प्रतपय प-िपिश्य-विधालय में माप पर पल पल डी. सरोकी सम्मति मे. सन् १९०७ सयो में.गर की उपाधि प्रदान की है। पर पारागंपु