पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५८८

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इंडियन प्रेस, प्रयाग की. सर्वोत्तम पुस्तकें 85 * • 'सचित्र हिन्दी महाभारत० । दक-पांप काण्ठों का अनुवाद है। याफो फाण उस्चराई में रहेंगे जो फि अल्दी छप फर प्रकाशिय (मूला प्राप्यान) दोगा। प्रपश्य पड़ियं । ०० से अधिक पृष्ठ पदी सांपी १६ चित्र [रशिप प्रीपरिमाणम् प्रपोग मुवादा-हिन्दी के सिर पर प. महावीरप्रसाद विषदी। दयानन्ददिग्विजय । यह पाया का प्रधान मन्य दे, पदी प्राय का महाराप १००० वर्ष पहले फा सबा इतिहास है और यही लिल प्रमुादव नावन पर्म का पीम है । इसी के प्रप्ययन से जिसके देखने के लिए सदसों पार्य व से ऐन्दुओ में धर्ममाष, सत्पुरुषार्य पार समयानुसार उत्कण्टिव वारदं थे, जिसके रसास्गदन के लिए काम करने की शक्ति जामव दो स्टवी है। पदि भी सैकड़ों संस्कृत विद्वान लालायित दी रघे, निमकी मारवषर्प में स्त्रियों को सुशिक्षित फरफे पावित्रत धर्म सरल, मधुर पार रसीली फविधा के लिए सदसों का पुनस्यार करना प्रमीट दो, यदि पालमनपारी पायर्या फी यापी पंचश हो रही पो पदो महाकाव्य मीप्मपितामह के पावन परिव फो पढ़ फर प्रापर्य. इप फर मैयार हो गया । यद अन्य पार्यगमाम के (ण का महत्व देसना दो, पदि भगनान रुप्पपन्द्र के लिए पटे गौरव की पील है। प्रत्येक वैदिकधर्मानुरागी उपदेशों से भपने मात्मा को पवित्र पार पलिप्त पनाना माईको यह अन्य संफर अपने पर को प्रपश्य दो, तो इस "महामारस" य फो मेंगा कर प्रवरय पवित्र करना पाहिए । यह मदामाम्य २१ सगों में पदिप । इसकी मापा पढ़ी सरल, पड़ी माजस्थिनी पार सम्पूर्ण मा। कुल मिला कर गया पाठ पेमी पड़ो मनोदारिपी है। प्रत्येक पढ़ी लिखी सो भयपा सपी के ११५+५७ पृष्ठ है। कन्या को यह महाभारत प्रपश्य पढ़ना पार इमसे उत्तम सुनदरी जिद पंपी गई इरानी मारी पायो माम उठाना पादिए । मूस्य फंपल सपा का मूल्य फेवल दी है। जल्द मॅगए । बामदारमाकाय रामायण प्रवाई जापान-दरया । (दिन्दी-मापानुपाद) पायर tire) माम्म मा १.. . परिण-मरप बम ) पृष्ट ३.०, मूल्य 10 पादि-फरि पाल्मीफि मुनि प्रपोप पनापण का निम दिन्दूधर्मापसम्पी पीर नारान में महापती याद दिन्दी भाषानुपाद अपने बैग का पिस्कुल दी स्पा को पहाद कर सारं संगार में मार्यमाविका मपाइसकी भाषा सरल और सरस है। इस गुरस रामल फिया, उसी के भूगोत, पापरण, धर्मपुरका के पदने पढ़ाने पालो को सप रद का शिपा, परसय, धर्म, म्पार, रामा, प्रमा, मंना गान माम दीवार और मारमा पपिष्ट पनवा । और इविदाम मादि माता मग पुना में, परा इस पूर्टि में मादिकार से संफर सुन्दरकाण पान किया गया। पुधक मिलने का पदा-मैनेजर, इंडियन, प्रेस, प्रयाग।