पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/५९४

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2 . इंडियन प्रेस, प्रयाग की सर्वोत्तम पुस्तकें घालमनुस्मृति। घालोपदेश । -'मनुस्मृति में से उत्तम इचम रसोकों को पर पुस्तक यातकों को दी महों युवा, पद, att sोट फर पनका मरस हिन्दी में अनुवाद लिया बनिता ममी को उपयोगी सपा पतुर, धर्मात्मा और गया है। मूस्य।) शीलमम्पन बनाने वाली है।रामा मार के मिमल मन्तःकरण में जप संसार में यग्य प्रपत्र पालनीतिमाला। हुमाया सामन्होंने एकदम मरा पूरा राम-पाट खाद -गुमनीवि, विदुरनीति, पारश्यनीति पार कर संन्यास ले लिया था । उस परमानन्दमयी कपिफनीति का संक्षिप्त हिन्दी-अनुराद। इसकी प्रयस्मा में महोंने पैराग्य और मासि-मम्मपी माया पालकों और नियों तक के ममम्ने रायक राक बनाये हम भालोपदेश में उन्हीं महरि है। मूस्य , नीतिरावक का पूरा पार पैराग्यरावक का संगित बालभागवत-पहला भाग। हिन्दी अनुवाद हारा गया है। यह पुस्तक रसूलों में इसमें 'भीमशागवत' की कयामों का मार पासकों के पढने के लिए पही उपयोगी है। मूम्य 1) हिसा गया है। इसकी कपायें पड़ी रोषक, पड़ी घालण्यारव्योपन्यास (सचित्र) पारी माग । शिण-दापफ और मकि, रम से भरी हुई । १०-१३-दिलपम्प क्रिम्स कहानियों के मूल्य पाने । उपन्यामों में भरपियन नाम का मम्पर मरम पालभागवत-दूसरा भाग। पहला हममें मे कद भयोग्य कदानियों को प्रर्याद निकाल कर, पर नियुब मार निकाला गया है, हम लिए. पप. पद शिवाय या धी, क्या पुरस -मापा के प्रेमियों को यह पालमागस ममी के पाने सापक शाम पाने में हिन्दी- का दूसरा माग सहर पाना पाहिए । इसमें. मार का प्रपार गा. मनोरजन गा, पर मोमवयव में पति भोटमा भगवान की अनेक दुनिया की सैर दोगी, पुद्धि और रिपार-गणि मीनामों को क्या लिपी गई है। मूस्प फेजम, पदेगी, पगुरा मान में भागी, माम और पालगीता। हिम्मत पदेगी। मून्य प्रत्येक माग भा) -पीपट मदारात्र के मुखारबिन्द में यालपंचतंत्र । निम एमपदेश को कौन हिन्दूमपाना पाटेगा! १५म पापी मेंगो मारदा अपने मामा को पवित्र मार पशिष्ट पनाने हिर नियों के द्वारा मरस गति पर मांति की गिरा पर "बालगीण" शहर पानी पाहिए। गमें पूरी पारम्पनिका नाम- गोगा का मार को माम मा में मिल पारे। निमोहे पार में कर मना गिया पर कर मम्मी मम्मल पाने । पर मिग्मे 14-मेनेजर, इंटियन ।