पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/६४

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तल्या १] ग्रह-शासन। या मह कारण की और नहीं प्राहर हुमा । गोप सर्यो पिए अमुविधाओं काही साममा ममा पस्तम रोही समाप में म्हनि अपने विचार प्रकि ।पही कारण है कि विरक्षा ही गृह-पास अपने मन्त में 7 समन मे पा समाा दी कि अब कप्प पालम में समा देता। मरमुच गा.पासमा मारे लिए सम्मिमिदम् प्रणाशी सामदायक भी। कठिन कार्य है। इस सम्पम्प में पूड पे में पप एक दूसरे से असा प्रमग रामा मावश्पक। विचार मुमने मापक :- ग्याद पामाम्म गृह-जीवन में पाया पर में भी पप गामामी अपनी ही समम अनुपार अपने पर पने गृप-जीवन की प्रणाली का संस्कार करना चाहिए। का शासन करता है। पदि रमसी ममम परिमल हुई ___पयुस मामय के विधर तक ठीक इसकी तो मका शासन मी तिम रोगा। पदि इमरी पमम नीम्सासिए इसप में स्थान मही। हमारा निवेदन परिफत मतो सका शामन मी स्याचारपूर्व गा। शायन इनाही कि में अब अपने गृहकी एम-शासन का मारा दारोमदार गासामी की समम पर गोपनीय स्थिति का मुख मण सोजना चाहिए । पदि दी है। प्रशासन की ठिनाइका सूत्रपाम पाने पर. इसका मुख कारण हमें ज्ञात हो माप और हम सिकार बम्मी समझ में ही होता। -सामी पापा या कर तोपयों हम अपने पर की चीजोर मान मेता कि रसे मर 5६ करने का अधिकार है। इसरे कीवी से अपने प्रमाण की पति मम्मिलित- स्पडे मनोगत मात्र माना प्रकार की सामने पेश करते परम प्रयासी हमारे लिए या उपयोगी है। कमो सकी हम ऐसी गाती है कि पी जी, पाई अप्ठा भरण नहीं बताया जा सकता। रेपम नाम अमुक काम प्रारम सही कम दो मायगा। मासका • एक पनुमपी अंगरेज से एक निमा सिसर पद भरा काम पूरा किया गया। मात्र भवारा मही बात सिर की कि गुरकी अशान्ति का मूब कारण । ममप मिप्रेगा पार पम्याम्य कामों से पुरमा पर-गायन में हमारी भयोग्यता ही है। रहेगी सर सब टीकर मंगे। माम पहा पर मिस्र पससी निबन्ध प्रशासन से सम्पम्प रखने वाला भू की पापना भापार पर गुरासन सम्पम्प में निवेदनाना पदुत मदुपा पती पतपुष गृानसामी प्रपनी भारत का शासन किम तरह करना चाहिए और भूमी का पान कम ज्ञान प्राप्त कर सकता है। यदि काम मम किन परिमाप सामनापमा परमार- करने का रंग पाने में लिमित मर मिया जाय तो सीपनो का इस मेरा में विश किया आपणा । गा- सम्म कि पर-सामी अपने काम की मिमि में मन- यसन महाठिन हार्य है। राम्य-शासन इससे अधिक मनगरपसा करिब नहीं। मीनि-सापका मानने पासा रामा मापे माथे गा-मामी के लिए पर बात रस सम्बी रियर मम्बियो रे परामर्श में पपना म्प सुपारस्प से अपने फुम्पियो केम्पमा नकार। परिणी मगरादित कर सकता है। पर, गापासप परफा कि ग्मा गा-गाणं मुणकर में सम्मानित गई मार्ग भी। राम्प शासम रेमिए परमे ही से पोषो सेतो मे मा म पत्र में रहना चाहिए प्रम्प र बारे। भनेर मारे जीवन एण मी मित्रों के माममि मास में पूर्व परिनित पाने मे मित्र मातेसमडे सहारे पास अपनी प्रस पर बानी पर यामी रामारोमा भाग का जमर सकता है। ऐसा सिए में प्रकार सम भपभीर सपने हो मगर मुमीने प्राप्त पर,गो गृह-शामासा मपिनो कीम्पूमता पर रोपाह मर प्रभारी ममारतोसमाधोपरम उम्पो परमिस म मा। नागरम सो मन मेर विरोप चोग स्पर्ष पाना पर पाम नहीं ले र एपित गने रेबिए परफारमिता सा गायन प्रभाव परम पदाना मगा मा।