पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/६८

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संख्या १] मारतीय शासन प्रणाली ! Arthabar , भारतीय शासन-प्रणाली। की भी मामा दी जाय" । देश-दिनपी राफर की यह । [खम, पणित रामनारायण सि, पी. ए. प्रार्थना स्थीकत। व्यापारियों के इस दल का माम ईस्ट इन्डिया कम्पनी था। इनका कार्य जहाँगीर बादशाह की Pay हयों शवाणी का पदश समाप्ति कृपा मे सूरत में प्रारम्भ हुधा था। भागे घल पर THE पर था । शाहजहां भारत की दिल्ली के मुगल कादशाह पार पडास के नदायों की HARE गद्दी पर. घिराजमान थे। एक बदाटत इन्होंने गुगली में काठियां पार पटना, NAAKTE दिम पागर के महल में अत्यन्त मासिम वालार, राका पार पालेश्वर में पाहत में कोलाहल मुनाई दिया । कारण स्थापित की। यह था कि उनकी प्यारी पुत्री के प्रवारहयाँ शताप्दी के प्रारम्भ में अप फ - कपड़े में भाग लग गई थी। जब तक लोग माग मियर गद्दी पर बैठा तव सिट मिया कम्पनी की वुझाने ६ सय सक उसका शरीर पहुस कुछ प्रौर से दो यारपनियासी कादशाद से मिलने के 'मुलस चुफा था। शहर के दकीम जमा किये गये। लिए भेजे गये । उनमें से एक का नाम सराफर विलियम | अम्रो से प्रस्न इलाज देने लगा । पर फायदे की हैमिल्टन (William Ilamilton) था। उसके दएटी काई सूरत म दिखाई दी। माईसहा घार चिम्ता में जाने का हाल. पटुत पहले, सरस्यतो में विस्तार- थे। उन दिमी चारो तरफ़ देश में इस बात की चर्या पूर्वक उप चुका है। फसमियर को एक बीमारी फैिली हुई थी कि सूरत में कुछ घिदेशी लोग प्यापार थी। उसके कारण राजपूताना फी एक दिन्नमाण + करने के लिए पाये ६। एक दरवारी ने मप्रतापूर्वक से उसफा पियाद रफा दुपापा । सापर ईमिन्टम बादशाह से कहा कि सुनने में पाया है.इन विदेशी में अपनी शिकिस्सा से फरासियर का चहा कर - प्यापारियों के साथ यो एक बड़े होशियार इलाज दिया । अम क्या कहना था । जो इनाम मांगा जाता करने पाले हैं। पादशाह की भाषा से मुरम्त एक थोड़ा था। स्यार्यत्यागी गहर मे पमनी दी का दूत भेजा गया । उसे हुकम दुपा कि उनमें से जो भला चाहा । उन दिनों यहाल के मयाय में मंगरेजों । चिकिम्सक सय से उस्लप हो ससको साथ ले माना। को मालगुमारी देने के लिए बहुत सा फरना मिस्टर गवरील पाटन (Mr. Gabriel toughtou) शुरू कर दिया था । सापर मिल्टन में यदी इनाम साहब इस काम के लिए चुने गये। भागर पहुंच मांगा फि फमनी के अधिकार साल में पढ़ा दिये कर उन्होंने इलाम शुरू रिया पार पादशाहजादी माय पार नयाय मागों के अन्याय मे भंगाज पर बिलकुल पप्प कर दिया । कादशाह की चिन्ता व्यापारी पार जमादार पचाय झाये । शादी फरमान दूर हुई। उन्होंने प्रसन्न हाफर पाटम में मनमाना जारी हो गया। कमनी के पुगने अधिकार फिर नाम मांगने के लिए कहा । पाटन ने प्रार्थना की- से पीरत हुए । उनका माल प्रमपाप सोच पार - "मुझे अपने लिए धन की प्रापरपक्सा नहीं । मेगी टास में पर्य किया गया। पर्तमान फरफना एक मात्र प्रार्धमा यह है कि शाही फरमानमाग उम निकट, नदी पानी पोर१८ मा पाकिस मैंगरंज प्यापारियों को. आमूरत मेंपस गये है, मशाल पर उनी दिर गये । टस भी माम मात्र केटिए में प्यापार करने की प्रासादी जाय । उमसे कार परम लगाया गया। साय दी मुर्शिदाबाद की रफमार भी रिया जाय। रनमाउस मास में पाठियां स्थापित करने उनके. मिपुर्द । इस फरमान मे यमनी के