पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/७०६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

संस्या ६] । विप्र-परिचय। ४९ २५ द्रौपदी नी फरियादकोक और प्रकाराक, (1.) नतम मम्मनबाली-प्रेषक, पं. बामकोलाख भीपुत मगमा मारामार मोरी, लिकामा-परदेवर मिम, सुगाना। बादी स्ट्रीट ने नाके 'गिरगाम बेक रोड, बम्बई, भामर (1) समासीतकारी-प्रमाका श्रीमामामन्य-भीम ट्रैपट- ___ साप्तापटी, अम्पाया। य, पृष्ठ-सम्पा ११, मूल्प भाउ पावा। (१२) नागर-पुप्पामजी, द्वितीया-प्रकाशक, प. प. पा पुतक गुमराठी-भाषा में मिली गई है। मात्र कम राम विप्नुवार पण्या. सक्षम महाभारत की मो मतियां स्परम्पर नौ प्रौपदी पीच (1) मिश्न-प-पापा -मेखक, पामा अनुपम । पतियो का सक्सेस मिता। पांच पाप, प्रांत (1) पीसी यपुमो मी हिम्दीमोनी स्थिति-प्रमुपादक, युपिपिर, भीमसेब, पर्सग बस और सहदेव-पही सके मेरमाई रमाई परेश। पति पतापे गये हैं। प्रस्तुत पुसावर मे इस बात (1) हिम्दो माहा-लक, मीयुस देवीदयालगी, परमम् । मेसिएमने कीश की है कि प्रौपदी पीच पतियों की मापन भी । भरनदी उसके एकमात्र पति थे। यह सिम चित्र-परिचय । कासिए अन्न मिस मिग-परति, जिन पुफियों और को, सपा मिव प्रमापों से मम बियाने विचार नमे मोम्य हैं महाभारत को पहम बेद मामने बाघों, तबा रागिनी मेघमकार। पसे इतिहास-प्रम्प काले बायो को मी मा पुरुष अभय इस सम्या के सीन घिन का नाम -ागिमी मेम- परनी चाहिए । पाठकों को इससे किसनी ही नवीन पाते मवार । पासाचे के प्रसिद विकार बापू रामेभरमसार मासूम होगी। पा की रचना । पार्मिग की मदर्शिनी में इस घिन्न में ही प्रसा हुई थी। चित्रकला-विशारयों मे इसकी मांचे जिन पुसमाम दिये गपेरेमी पर गई मांसा में देख तक बिसे। इस बात का रखेत सरस्वती है। मेने वाले मागयों को पम्पबार- की किसी पस संक्या में किया जा पुस। परचित्र (1) जातीय-पान-मेल, पगित चमित पाप्माप, अपनी मारतीय-सा रे ममूने का है। इसमें विदेशी कारोबावाद। बबित-बमा का सम्पर्कमही । भारतीय चित्रमा में साइम (.) सबा पुपमा अात् सर्ग:समा-सेवक, गो. ही की प्रधानता। पड़ी मात इसमें पाई पासीहै। इसमें भीमरायसहापणी, मधुरा। । कई बारीकियो मी। (१) पोचसम्मावा-बक, पं. गोणप्रसाद तिवारी, देखिए, पीपा का वार कितना बारी र सौपा। विवामपुर। इसमें पीस महीनी टन महो। निर पनि पर (.) पाचपुत्पषि-माग मेखक, पाम् बाजेपरवाना, तो निगाह राखिए । मस्सी चित्र में प्रप्टी तरारेसने से परा। () भारती-रात-बा, श्रीपुत मुंसिसिा पापक, सबके रोम रोम सब मोरेमो दिपाई वेवे। इंटीबी, मैनपुरी। (.) शिरोमणिपबास, माप पक, बार र प्राचीन ऐतिहासिक चित्र। पाड प्रीवास्य, रामपुर। देहली की मशिनी में सप्रे गपे ऐतिहासिक चित्रों में (८) स सुन की बुनि-प्रेपर, मीयुत नसेन से असचित्र इस सपा में प्रकाशित किये पाते हैं। उनका जैव-वैप, इयवा। विवरण सुनिए- (1) पिस रामापप-कायक, पोरना-मापा-ममशिनी (1) पामा मि मामी गये तानसेन का। ___समिति, मेपास। प्रकार के समय में विद्यमान पे। पर ही परमार में ॐामीसि-मारी