पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/८२

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मण्या ] कालिदास का समय। ४३ रता था। पर यह पास उसने कहीं प्रकट म की माम-धाम मुझे पता दो। कुछ मय मत फरी। मिस मासिफ पत्र में मेरी फपिता नधीन के प्रय उसके नाम से मैं कपिता म लिगा। अगर प्रम से प्रकाशित होती थी यह उस विधया के घर लिगा भी तो उसे उसके भाई के पास न भेस फर सदर पहुंधा करता था। कपिसा व्यर्थ न आती तुम्हारे पास मेश,गा। यिना भेंट के मन सोचने का यह प्रपत्र उपाय नपीन मे कहा--मरे, उसके लिए मुझे र र मित्र में खोज निकाला या। महाँ। यियाह फरमे के कारण पिपया सजा से | किन्तु नयीन ने कहा कि उसने किसी गृह विचार कातर है। इसी कारण उन्होंने तुम्हारे साथ उनके से यह कामन किया था। प्रारतो क्या उसका पिश्यास यिपय में मास्लोयना करने से मुझे मना कर दिया पा कि विधया पढ़मा-लिखना नहीं जानती । विघया है। पर प्रम नाम छिपाना ठीक नहीं । यह तुम्हारी के भाई के नाम से पत्र की एक कापी पिना मूल्य यह ही पहेसिम ६, जो १९ नम्बर पाले मकान में प्रति मास भेज दिया करता था। मन को साम्स्यना रहती है। देने के लिए. यह एक प्रकार का पागलपन मात्र था। हम्-पिण्ड अगर लोहे का 'पायलर' देता तो मीन सोचता था कि देयता के उदंश से मैं पुप्पा- उसी सण धक करके फट जाता। म्जलि दे घुफाये जाने या म जाने, ग्रहण कर मैंने सा-यिपाह करने में अब उनकी प्रस. या न करें। म्मति नहीं है। ___पिपषा के भाई के साथ मयान में ओ पन्धुत्व मयान में हंस कर कदा-स समय सो मोड़ा था. मोम का कहमा था कि उसमें भी उसका महों है! का मतलय न था । मिसको कोई प्यार करता है मैंने कहा-या कविता पढ़ कर ही ये इतनो असर्फ मधु-मान्य का साथ भी उसे यही प्रछा मुग्ध होगई? शाम पाता है। नयोन पोला-पयों, मेरी फयितायें क्या पसी पीछे, माई की बीमारी में, मधीन की भेंट अपने पैसी घाँ! उस यापु की बहन से कैसे हुई, यह बड़ी उम्मी मने मन हीमन फदा-पिगार विमार पिमका ? कहानी है । मयीन के पियाइ-अस्ताय पर विधपा उसका, मुझको, या विधाता को, पर घिमार। पहमे तो गली म) पर अन्त मेंमयोममे मेरी सारी पारसनाथर्मित। युक्तियों का प्रयोग करके पार उसके प्रसुप्री से अपनी मांगों के दो-चार जलयिम्युचों को मिला कर उसे मना लिया । प्राविधया के अभिमायक कुछ कालिदास का समय । गपया था । ममे कदा-प्रभीले जापा। GOगमा माता मामा मायिक पत्र में, मपान में कहा-पिपाठ के पाप मेरे पिता साई पालम मित्र, एम. ए. मिग ! घामा, हिराप लिए मेरा पर्च पांच-छा मदीमा तक ज़रूर बन्द कर --६ Sम, प्रभागितgatTHI भारत पंगेतर हम दोनों मिलिए मी कप उपाय 16COC कर देमा दंगा। मन कुछ म कह पर एक क भरत कानि माम मात्र रिभरे। लिग दिया ।म पाला-पान! अघ तो उसका मी इममिनि माप निराधार यनित