पृष्ठ:साफ़ माथे का समाज.pdf/१४५

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अनुपम मिश्र


काम की कठिनता के अलावा क्षेत्र का विस्तार भी कोई कम नहीं था। आज का राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दूसरा बड़ा राज्य है। देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 11 प्रतिशत भाग या कोई 3,42,215 वर्ग किलोमीटर इसके विस्तार में आता है। इस हिसाब से दुनिया के कई देशों से भी बड़ा है हमारा यह प्रदेश। इंग्लैंड से तो लगभग दुगुना ही समझिए।

पहले छोटी-बड़ी इक्कीस रियासतें थीं, अब इकतीस ज़िले हैं। इनमें से तेरह ज़िले अरावली पर्वतमाला के पश्चिम में और अन्य पूर्व में हैं। पश्चिम भाग के तेरह ज़िलों के नाम इस प्रकार हैं: जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, जालौर, पाली, नागौर, चुरू, श्रीगंगानगर, सीकर, हनुमानगढ़, सिरोही तथा झुंझनूं। पूर्व और दक्षिण में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, कांकरोली, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा, बारां, बूंदी, टौंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, भरतपुर तथा अलवर ज़िले आते हैं। जैसलमेर राज्य का सबसे बड़ा ज़िला है। यह लगभग 38 400 वर्ग किलोमीटर में फैला है। सबसे छोटा ज़िला है धौलपुर जो जैसलमेर के दसवें भाग बराबर है।

आज के भूगोल वाले इस सारे हिस्से को चार भागों में बांटते हैं। मरुभूमि को पश्चिमी बालू का मैदान कहा जाता है या शुष्क क्षेत्र भी कहा जाता है। उससे लगी पट्टी अर्धशुष्क क्षेत्र कहलाती है। इसका पुराना नाम बागड़ था। फिर अरावली पर्वतमाला है और मध्यप्रदेश आदि से जुड़ा राज्य का भाग दक्षिणी-पूर्वी पठार कहलाता है। इन चार भागों में सबसे बड़ा भाग पश्चिमी बालू का मैदान यानी मरुभूमि का क्षेत्र ही है। इसका एक पूर्वी कोना उदयपुर के पास है, उत्तरी कोना पंजाब छूता है और दक्षिणी कोना गुजरात। पश्चिम में पूरा-का-पूरा भाग पाकिस्तान के साथ जुड़ा है।

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