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पृष्ठ:साफ़ माथे का समाज.pdf/१५७

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अनुपम मिश्र

आज इस छेटे से गांव में देश की जल संसाधन मंत्री बिना बुलाए वहां का काम देखने आई हैं। राष्ट्रपति भवन में भी भांवता के काम की गूंज है। भांवता का काम करने वाले दसर्वी फेल श्री गोपाल सिंह राष्ट्रपति भवन में जल संकट दूर करने के लिए बुलाए गए हैं।

इसलिए कुछ समर्पण, कुछ अकल, कुछ पसीना चाहिए देश का पर्यावरण सुधारने के लिए। कैलेंडर के पन्ने भी जुड़ जाएं तो कोई हर्ज नहीं पर केवल कैलेंडर ताकते रहने से कुछ होगा नहीं। समय बीतते देरी नहीं लगती। सन् 2000 भी देखते-देखते आएगा-जाएगा। कुछ करेंगे नहीं तो पर्यावरण की हालत जैसी की तैसी ही नहीं, और भी ख़राब हो जाएगी। तब हमें सन् 2000 में तीन शून्य भी दिख सकेंगे। अच्छा हो हम इन शून्यों को भरने का काम करें।

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