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अनुपम मिश्र
की अमृता शर्मा और सुमन भंडारी के सहयोग के लिए मैं उनका आभारी हूं। अनुपम जी और उनकी जीवन संगिनी मंजु जी ने भी इस पुस्तक को तैयार करने में आत्मीय सान्निध्य दिया है, उनकी इस सत्संगति का मैं हार्दिक नमन करता हूं।
13 जून, 2006
किशन कालजयी
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