पृष्ठ:साहित्यालाप.djvu/१८

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२-देवनागरो-लिपि के प्रचार का प्रयत्न

माननीय मिस्टर शारदाचरण मिल ने कलकत्ते में एक लिपि-विस्तार-परिषद् नाम की एक संस्था खोली है। उसका उधेश देवनागरी लिपि का प्रचार बढ़ाना है। धीरे धीरे यह परिषद् अपने काम में आगे बढ़ने के लक्षण दिखा रही है । मित्र महाशय के प्रयत्न से इसका एक विशेष अधिवेशन २९ दिसम्बर को प्रयाग की कांग्रेस के मण्डप में हुआ। मद्रास हाईकोर्ट के जज, माननीय मिस्टर कृष्णस्वामी आइयर, सभापति हुए। आप बड़े विद्वान्, बड़े अच्छे वक्ता और देवनागरी-लिपि-प्रचार के बड़े पक्षपाती हैं। आपने एक बड़ा ही मनोहर, अर्थ-गौरवपूर्ण और प्रबल-युनिगर्भित व्याख्यान दिया। बाबू रामानन्द चैटर्जी, मिस्टर जी० ए० नटेसन, रायबहादुर लाला बैजनाथ, पण्डित गोकर्णनाथ मिश्र और मिस्टर वी० एन० मेहता आदि और भी कितने ही विद्वानों ने अपने व्याख्यानों द्वारा इस लिपि के प्रचार और विस्तार से होनेवाले उपकारों का वर्णन किया। अन्त में कई प्रतिष्ठित पुरुषों की एक कमिटी बनाई गई। उसका काम यह होगा कि विज्ञापनों, हस्तपत्रों और उपदेशकों के द्वारा देवनागरी लिपि से होनेवाले लाभों को वह सर्वसाधारण को समझाने, भिन्न भिन्न भाषाओं की पुस्तकों को देवनागरी लिपि में प्रकाशित करावे, अच्छी देवनागरी