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साहित्यालाप


वेतन मिलेगा। आठ वर्ष में वह ६५०) मासिक तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके आगे भी वेतन वृद्धि हो सकेगी; पर उन्हीं लोगों को जो विशेष योग्यता दिखावेंगे । २१ वर्ष तक कामकर चुकने पर इन विशेष योग्यतावाले कर्मचारियों का वेतन धीरे धीरे १२५०) मासिक तक हो सकेगा। इनमें से भी कुछ लोगों का वेतन १५०० मासिक तक बढ़ सकेगा। इतना वेतन उन्हीं को दिया जायगा जो बहुत अधिक योग्य समझे जायंगे और जो इतने वेतन के पदों के लिये चुन लिये जायंगे। वेतन के ये निख उन्हीं के लिये हैं जो भारतवासी हैं-जिनकी जन्मभूमि भारत है-औरों के, अर्थात् जो भारतवासी नहीं हैं उनके वेतन का निर्ख कुछ और ही होगा। बात यह है कि जितना वेतन हिन्दुस्तानियों को मिलेगा उससे अधिक वेतन उन लोगों को मिलेगा जो योरप के निवासी हैं । सो हिन्दुस्तानियों के लिये जो नियम बनाये गये हैं वे योरप वालों के विषय में चरितार्थ नहीं। उनकी पदप्राप्ति और वेतन-भोग के नियम कुछ और ही होंगे और होने ही चाहिये, क्योंकि यह भेद भाव प्रायः सभी महकमों में रक्खा गया है।

जो भारतवासी युवक पशुचिकित्सा शास्त्र का अध्ययन करने के लिए इङ्गलैंड जाना चाहें उनकी उम्र १९ वर्ष से कम और २३ वर्ष से अधिक न होनी चाहिए। उनके लिये यह लाजमी होगा कि उन्होंने किसी भारतीय विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डिगरी (बी. एस. सी. एम. एस. सी. आदि) नामवरीके साथ प्राप्त की हो। वे योरपवासी भी अध्ययन के लिए भेजे जा सकेंगे