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विदेशी गवर्नमेंट और स्वदेशी भाषायें

जो हिन्दुस्तान में सदा के लिए बस गये हैं। उम्मेदवारों को चाहिए कि वे २० जून सन् १९२१ तक अपनी दरखास्त-

सेक्रेटरा टू दि गवर्नमेंट आफ इण्डिया, डिपार्टमेंट आव् रेवेन्यू ऐण्ड ऐग्रीकलचर, शिमला, को भेजें । सरकार ने गैज़ेट आव् इरिडया में एक फार्म छापा है। उसी फार्म को भरकर भेजना चाहिए । दरखास्त का नमूना वही है । उसके साथ ही सिविल सर्जन का एक सर्टिफिकेट भेजना चाहिए कि उम्मेदवार की तन्दुरुस्ती अच्छी है और वह पशुचिकित्सा-विभाग में काम करने योग्य है । जिन लोगों की दरखास्तों से यह मालूम हो जायगा कि वे काफी योग्यता रखते हैं उनकी डाक्टरी बड़ी बारीकी से होगी। यदि डाक्टर लोग कह देंगे कि, हाँ यह उम्मेदवार खूब तन्दुरुस्त है, तब गवर्नमेंट के कुछ अधिकारी उसका मुलाहजा करेंगे। मुलाहजे में ठीक उतरने पर उम्मेदवार के जिले के हाकिमों से उसकी योग्यता आदि के विषय में पूछ पाछ की जायगी। उसका फल भी यदि सन्तोषजनक होगा तो वह सरकारी खर्च से विलायत भेजा जायगा। वहां उसे ४ वर्ष तक पढ़ना पड़ेगा। छात्रवृत्ति के रूप में गवर्नमेंट उसे २५० पौंड सालाना खर्च देगी। मगर उसे अपने पास से भी कोई १०० पौंड सालाना खर्च करना पड़ेगा,क्योंकि ३५० पौंड से कम में वहां का खर्च नहीं चल सकता । अगले सितम्बर में उसे विलायत के लिये रवाना हो जाना पड़ेगा।