पृष्ठ:साहित्यालाप.djvu/२४८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२४३
पैठानी सिक्कों पर नागरी

इसके कई सिक्कों पर नागरी ने स्थान पाया है। उन में से एक की रचना ऐसी है—

चाँदी और ताँबा; तौल ५४ ग्रेन।

एक तरफ़
सवार
स्त्री हंमीरः

दूसरी तरफ़
बैल
सुरिताण स्त्री मुअजंदी

आठवां बादशाह अलाउद्दीन मसऊद

(१२४१—१२४६ ई॰)

बहरामशाह के मरने पर इज़्ज़ुदीन बलबन गद्दी पर बैठा। वह अल्तमश का दामाद था। परन्तु वह कुछ ही घन्टों में तख़्त से उतार दिया गया। रुक‍्नुद्दीन फीरोज़ के पुत्र अलाउद्दीन मसऊद ने राज्य पाया। तब मातनासिरी नामक इतिहास का लिखनेवाला मिनहाजुस्सीराज उस समय देहली में क़ाज़ी था। वहां से वह बङ्गाल के गवर्नर तुग़न ख़ाँ के यहां चला गया। वहां का गवर्नर, उस समय, लखनावती में रहता था। मिनहाजुस्सीराज ने पठान बादशाहों का बहुत ही अच्छा इतिहास लिखा है। बहुत सा वृत्तान्त उसने आँखों देखा लिखा है। अलाउद्दीन मसऊद के कई सिक्कों पर "स्त्री हंमीर:" है। परन्तु एक में विशेषता है—

चाँदी-ताँबा, तौल ५० ग्रेन।

एक तरफ़
शङ्कर का नन्दी
सुरिताण स्त्री अलावदिण

दूसरी तरफ़
सवार
स्त्री षलीफ