पृष्ठ:साहित्य सीकर.djvu/१२९

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१७-चीन के अख़बार

जिस देश में जितने अधिक समाचार-पत्र होते हैं वह उतनी ही अधिक उन्नत अवस्था में समझा जाता है। यदि इस विचार से देखा जाय तो मानना पड़ेगा कि चीन दिन पर दिन अधिकाधिक उन्नति करता जाता है। सात वर्ष पहले यहाँ चीनियों का एक भी अखबार न था। परन्तु आज चीन में दो सौ से अधिक ऐसे अखबार निकलते हैं जिनके स्वामी, सम्पादक और प्रबन्धकर्त्ता चीनी ही हैं। पेकिन महानगरी में एक ऐसा दैनिक पत्र है जिसका सम्पादन और प्रबन्ध केवल स्त्रियाँ ही करती हैं। इस पत्र का उद्देश्य स्त्रियों की दशा सुधारना है। चीन की गवर्नमेंट भी पत्रों के ग्राहक बढ़ाने और मूल्य इकट्ठा करने में खास-खास अखबार वालों को मदद देती है। प्रान्तिक शासन-कर्त्ता भी इस काम में उनकी सहायता करते हैं। मंचूरिया के राज-प्रतिनिधि ने मकदन नगर के चौक में एक बड़ी भारी इमारत बनवाई है। वहाँ पर एक विद्वान् मुख्य-मुख्य समाचार-पत्रों को पढ़ कर सर्वसाधारण लोगों को नित्य सुनाता है। पेकिन में भी कई पढ़े-लिखे आदमी गली-गली अखबारों को ज़ोर-ज़ोर से पढ़ते फिरते हैं। इस प्रकार निरक्षर मनुष्यों को भी देश की दशा और संसार की मुख्य-मुख्य घटनाओं का ज्ञान हो जाता है।

चीनी अखबार दो तरह के होते हैं। एक तो वे जो अत्यन्त पतले कागज़ पर एक ही तरफ छापे जाते हैं। दूसरे वे जो दोनों तरफ छपते हैं और जिनका कागज़ भी मोटा होता है। दूसरे प्रकार के अखबारों