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शब्दार्थ-विचार

करा दिया। "आप बड़े होशियार हैं"—इस वाक्य में जहाँ "होशियार" शब्द से "बेवकूक" का अर्थ अपेक्षित होता है वहाँ विपरीत (उल्टी) लक्षणा होती है।

बहुत से शब्द भी लाक्षणिक होते हैं; जैसे जोड़-तोड़। इसका वाच्यार्थ है जोड़ना और तोड़ना। परन्तु लक्षणा से इसका अर्थ प्रबन्ध करना या मेल मिलाना आदि होता है। उदाहरण—'शिवदत्त, आजकल, एक बहुत बड़ा ठेका लेने के इरादे से जोड़-तोड़ लगा रहे हैं। इस तरह के बहुत से रूढ़ शब्द व्यवहार में आते हैं। जैसे "दवा-पानी" में पानी शब्द से दवा ही के समान और चीज़ों का बोध होता है। "रोना-पीटना" में पीटना शब्द से भी रोने ही का बोध होता है।

"हमने तुम्हें सौ दफे मना किया कि तुम ऐसा काम मत करो"—इसमें सौ दफे से सिर्फ बहुत दफे का अर्थ लक्षित होता है।

[ नवम्बर १९०६