पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/११

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[ आठ ] ली जाती है-३०, नोम् तोम्-३१, नोम् तोम् के अलाप के लिये कुछ मिजराबों के स्वरूप ३२, झाला-३७, एक मींड युक्त झाला-३७, देर तक अलाप कैसे करें-३७ । सातवां अध्याय अलाप के लिये एक राग-३६, यमन कल्याण-३६, विवादी स्वर का स्पष्टी- करण-४१, अलाप में ताने बजाना-४२ । आठवां अध्याय अलाप के लिये कुछ अन्य राग और उनकी तानें बनाने का ढंग-४३, राग भैरवी ४३, मालकोष-४४, ताने बनाने का ढंग-४५, लगभग सौ तानों का उदाहरण-४५ । नवां अध्याय मसीतखानी गतियां बनाने का क्रम-५५, राग यमन-५६, भूपाली-५६, जैजैवंती ५७, गौड़ सारंग-५७, झिंझोटी-५७, बिन्द्रावनी-५७, भैरव-५७, भीमपलासी-५८, हमीर-५८, केदार-५८, आसावरी-५८, कालिंगड़ा-५८, जौनपुरी-५८, अड़ाना-५६, शुक्ल बिलावल-५६, हिंडोल-५६, ललित-५६, तोड़ी-५६, मालकोष-५६, बिहाग-५६, दरबारी-६०, मुलतानी-६०, देवगिरीबिलावल-६०, देशकार-६०, दुर्गा-६०, शंकरा- ६१, बागेश्री-६१, तिलंग-६१, देस-६१, पूरिया-६१, बिलावल-६१, खमाज-६३, भैरवी-६३, धानी-६३, पीलू-६३, तिलक-कामोद-६३, काफी-६४ । दसवां अध्याय तीनताल की सैनवंशीय गतियाँ बनाना-६५, राग श्री-६५, बागेश्री-६६, सिंदूरा-६६, बसंत ६६, पूर्वी-६७, सोहनी-६७, मारवा-६७, रामकली-६८, गुणक्री-६८, देस-७०, खमाजी भटियार-७०, सांझ-७०, चम्पाकली-७१, दरबारी-७१, बिलासखानी-७१ खंभावती-७२, नायकी कान्हरा-७२, पांच अन्य भिन्न ढांचे-७२ । ग्यारहवां अध्याय तीन ताल के अतिरिक्त अन्य तालों में गतियाँ निर्माण करने का क्रम-७४, पन्द्रह मात्रा में-७४, चौदह मात्रा में-७४, चार ताल के लिये गतियों को बनाना-७५, एकताल की गतियों का निर्माण-७६, सूलताल के लिये गतियों का निर्माण-७६, नौ मात्रा के लिये-७६, सात मात्रा के लिये-७६, झपताल के लिये-७६, तेरह मात्रा के लिये-७७, ग्यारह मात्रा के लिये-७७, साढ़े नौ मात्रा के लिये-७७, उदाहरण-राग पोलू-७६, साढ़े दस मात्रा के लिये-७६ साढ़े ग्यारह मात्रा में गति बनाने की युक्ति-७६ । बारहवां अध्याय इच्छित राग में मध्य तथा द्रुत लय की गतियां बनाने का ढंग-८०, गतियों के लिये बारह ढांचे-८०, द्रुत लय में दो आवृत्तियों की गतियाँ तैयार करना-८२, मध्य- लय की गतियाँ बनाना-८३, उदाहरण ढांचा नं. १, गौड़ सारंग-८३, मारवा-८३ पीलू ८३, ढांचा नं० २ बिन्द्राबनी सारङ्ग-८४, मालकोष-८४, यमन-८४, पटदीप-८४, जैजैत्रन्ती-८४, शुद्ध कल्याण-८४, धानी-८५, ढांचा नं०३, बागेश्री-८५, मुलतानी-८५, भूपाली-८५, मालकोष-८५, शंकरा-८५, ढांचा नं० ४ बिहाग-८६, दरबारी-८६, पूर्वी-८६, बिलावल-८६, देस-८६, मियां की मल्लार-८६,ढांचा नं० ५ सोहनी-८७, भीमपलासी-८७, हमीर-८७, बिन्द्राबनी सारंग-८७, भैरवी-८७, ढांचा नं० ६ छायानट-८७, केदार-८८, , .